तमिलनाडु के तटीय हिस्सों जो लगातार भारी बारिश से जूझ रहे थे, उन हिस्सों में कल से बारिश में राहत मिली है। इससे पहले पुडुचेरी, कराईकल, कुड्डालोर, नागपट्टिनम और पारंगीपेट्टई जैसी जगहों पर 24 घंटों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई थी। यहां तक कि तमिलनाडु की राजधानी में वेधशालाओं ने मध्यम से भारी वर्षा मापी थी।
इन सबके बीच नागापट्टिनम में 24 घंटों में 205.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। कल मौसम की स्थिति बेहतर थी, भारी बारिश केवल छोटे इलाकों तक ही सीमित रही। तट पर और तट से दूर बमुश्किल ही तीन अंकों की वर्षा दर्ज की गई।
श्रीलंका से उत्तरी तमिलनाडु तक बनी एक ट्रफ रेखा के सहयोग से मौसमी गतिविधि शुरू हुई। इसके अलावा भूमध्यरेखीय क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण था, जो इस ट्रफ को सक्रिय कर रहा था। इस सिस्टम के पश्चिम की ओर खिसकने औरकमजोर पड़ने के कारण पिछले 24 घंटों में स्थितियों में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। हालाँकि, यह अभी ख़त्म नहीं हुआ है। सोमवार को कराईकल और नागापट्टिनम में क्रमशः 39 मिमी और 25 मिमी की मध्यम बारिश दर्ज की गई।
उपग्रह इमेजरी अभी भी श्रीलंका, तमिलनाडु के दक्षिणी और मध्य भागों और केरल के उत्तर-दक्षिण हिस्से को कवर करते हुए बादल समूह को प्रदर्शित करती है। दक्षिणी तमिलनाडु और केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कन्याकुमारी, टोंडी, पम्बन, तूतीकोरिन, कोचीन, अलापुझा, पुनालुर, तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, त्रिशूर, वायनाड और कन्नूर में अभी भी भारी बारिश का खतरा है। वर्षा पेटी का उत्तर-दक्षिण विस्तार तटीय कर्नाटक, गोवा और कोंकण तक भी फैला हुआ है।
चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम की ओर आगे बढ़ेगा और ट्रफ रेखा को तमिलनाडु और केरल राज्यों से सुरक्षित दूरी पर पश्चिम की ओर ले जाएगा। मौसम की गतिविधियां कल ही कम हो जाएंगी और परसों और कम हो जाएंगी।
इस क्षेत्र में बारिश और गरज के साथ बौछारें ज्यादातर 11 जनवरी को और उसके बाद सप्ताह के बाकी दिनों में या उससे भी आगे तक जारी रहेंगी। 11 से 18 जनवरी 2024 के बीच तमिलनाडु और केरल में सबसे कम मौसम गतिविधि होने की उम्मीद है।