राजस्थान के कुछ भागों में कल प्री-मॉनसून गतिविधियां अचानक बढ़ गईं। जैसा कि स्काइमेट ने अपने पूर्वानुमानों में बताया था राज्य के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी भागों में व्यापक हलचल देखने को मिली। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ जिलों में यह गतिविधियां इतनी घातक हो गईं कि कई जगहों पर जान और माल का नुकसान भी हुआ है। दौसा में ओलावृष्टि देखने को मिली है।
बुधवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान पिलानी में 25.6 मिमी, भरतपुर में 19.8 मिमी और अलवर में 18 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा जयपुर और चित्तौड़गढ़ में भी हल्की बारिश हुई है। इसमें धौलपुर, अलवर और भरतपुर में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इन जिलों में धूल के साथ तूफान इतना तेज़ था कि 27 लोगों की जान का कारण बन गया। प्री-मॉनसून सीज़न में मौसम प्रायः इसी तरह विध्वंशक हो जाता है।
मरुभूमि राजस्थान में इन गतिविधियों के लिए राज्य और इससे सटे हरियाणा तथा पंजाब पर बने चक्रवाती सिस्टम को मुख्यतः जिम्मेदार माना जा रहा है। इस सिस्टम के प्रभाव से अभी भी नमी अधिक है। जिससे कल की घटनाओं की पुनरावृत्ति आज भी देखने को मिल सकती है। हालांकि आज इसकी तीव्रता कल के मुक़ाबले काफी कम होगी। लेकिन मौसम में तेज़ बदलाव देखते हुए लोगों को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए।
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अनुमान है कि उत्तरी और उत्तर-पूर्वी जिलों में दोपहर के समय जब तापमान चरम पर होगा तब ऐसी घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं। संभावना है कि अगले 24 घंटों के दौरान चुरू, पिलानी, सीकर, अलवर, गंगानगर, जयपुर, दौसा और हनुमानगढ़ सहित आसपास के इलाकों में आज भी प्री-मॉनसून हलचल हो सकती है। मौसम में इस बदलाव से तापमान में भी व्यापक कमी दर्ज की गई है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में बने सिस्टम अगले 24 घंटों के बाद कमजोर हो जाएंगे जिससे शुक्रवार से मौसम साफ हो जाएगा और दिन के तापमान में हल्की वृद्धि देखने को मिलेगी। फिलहाल उत्तर और उत्तर-पूर्वी जिलों में दिन और रात के तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे बने हुए हैं।
Image credit: The Indian Express
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