उत्तर भारत में पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक इस बार सामान्य से अधिक वर्षा देखने को मिल रही है। 1 मार्च से 25 अप्रैल के बीच पूरे भारत में सामान्य से 24% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है जबकि उत्तर भारत के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में सामान्य से 41 फ़ीसदी अधिक बारिश हुई है।
अलग-अलग राज्यों के हिसाब से देखें तो सबसे ऊपर है हरियाणा जहां सामान्य से 304% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में सामान्य से 263% ज्यादा बारिश हुई है। दिल्ली में भी सामान्य से 258% अधिक बारिश हुई है। राजस्थान में 210% अधिक रहा है बारिश का प्रतिशत। पंजाब में 179 फीसदी अधिक, चंडीगढ़ में 144% ज्यादा, उत्तराखंड में 76% अधिक, हिमाचल प्रदेश में 25 और जम्मू-कश्मीर में 11% ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।
अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से बढ़ी बारिश
देश में 1 मार्च से मॉनसून सीजन शुरू होता है मार्च में उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बहुत ज्यादा वर्षा हुई थी जबकि अप्रैल के पहले पखवाड़े में अपेक्षाकृत पश्चिमी विक्षोभ ओं के आने का सिलसिला कमजोर था जिसकी वजह से शुरुआती 15 दिनों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहा लेकिन दूसरे पखवाड़े में जम्मू-कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड लद्दाख से लेकर हरियाणा पंजाब दिल्ली और राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बारिश देखने को मिल रही है
पहाड़ों पर अधिक होगी बारिश
इस समय भी बारिश के लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। अनुमान है कि एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों पर आते रहेंगे जिसके चलते 25 से 28 अप्रैल के बीच हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। जबकि इस दौरान लद्दाख और जम्मू कश्मीर में हल्की वर्षा होगी।
मैदानी राज्यों में 25 से 27 अप्रैल के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में गर्जना और आँधी के साथ एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। पंजाब और हरियाणा के पूर्वी हिस्सों में वर्षा का अनुमान है। बाकी भागों में मौसम शुष्क बना रह सकता है।
दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बौछारें गिर सकती हैं। राजधानी दिल्ली में भी आंशिक बादल आते जाते रहेंगे और एक-दो स्थानों पर प्री-मॉनसून हलचल हो सकती है।
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