पिछले लगभग एक सप्ताह के शुष्क मौसम के बाद मध्य प्रदेश में इस सप्ताह की शुरुआत मौसम में बदलाव के साथ हुई है। आज सुबह से ही दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश के भागों में बादल दिखाई दिये और इंदौर, उज्जैन सहित आसपास के भागों में दोपहर में बारिश दर्ज की गई।
इसके अलावा भोपाल, देवास,धार, पूर्वी निमाड़, गुना, हरदा, मंदसौर, नीमच, रायगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुरऔर विदिशा जिलों में भी हलचल देखने को मिली। इन भागों में आज शाम को भी कहीं-कहीं गरज के साथ बारिश हो सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तरी राजस्थान से पूर्वी मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बन गई है। इसके चलते राज्य के कुछ भागों में मौसम ने करवट ली है। यह कुछ समय के लिए निष्प्रभावी होगी और उसके बाद 20 मार्च से इसकी क्षमता में वृद्धि होगी और 20 व 21 मार्च को राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
हालांकि कल यानि मंगलवार को पश्चिमी मध्य प्रदेश में आंशिक बादल भले ही दिखेंगे लेकिन बारिश नहीं होगी जबकि मध्य और पूर्वी भागों में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ वर्षा दर्ज की जाएगी। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
समूचे भारत में मार्च से मई महीने के दौरान होने वाली मौसमी हलचल प्री-मॉनसून वर्षा कहलाती है। प्री-मॉनसून बारिश के साथ अचानक और तेज़ी से हवाएँ चलना और बादलों की गर्जना होने की घटनाएँ आम हैं। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 2 दिनों के दौरान संभावित मौसमी हलचल के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से हवाएँ भी चल सकती हैं।
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उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में मार्च महीने में अधिक बारिश नहीं होती है। लेकिन इस बार मौसम ने यह धारणा तोड़ी है और छोटे-छोटे अंतराल पर राज्य में बारिश देखने को मिल रही है। प्री-मॉनसून वर्षा के चलते अगले कुछ दिनों के दौरान तापमान नीचे आएगा और गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि प्री-मॉनसून गतिविधियां मुख्यतः दोपहर बाद या शाम को होती हैं जिससे दोपहर में गर्मी बनी रहेगी।
Image credit: Jagran
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