[Hindi] भारत में लू से संघर्ष जारी, नहीं दिख रहे राहत के संकेत

April 18, 2016 4:02 PM | Skymet Weather Team

भारत में आमतौर पर अप्रैल के आखिरी सप्ताह से लू का प्रभाव शुरू होता है। जबकि इस वर्ष देश के अधिकतर भागों में समय से काफी पहले जानलेवा गर्मी का प्रकोप शुरू हो गया। असमय पड़ने वाली इस भीषण गर्मी के लिए वर्तमान अल नीनो को जिम्मेदार माना जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान अल नीनो सबसे प्रभावी है। इसी वजह से प्री-मॉनसूनी बारिश अब तक अधिकांश भागों से ग़ायब है।

उत्तर, पूर्वी और मध्य भारत में प्री-मॉनसूनी बारिश नहीं हुई है। अगर कहीं अच्छी बारिश देखने को मिली है तो वह हैं उत्तर भारत के पर्वतीय राज्य और पूर्वोत्तर भारत के राज्य। जबकि बाकी सभी भागों में शुष्क मौसम और खिली धूप के चलते पारा लगातार आँखें दिखाता रहा है।

 

उत्तर भारत में लू

देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भी लू ने अपना शिकंजा कस लिया है। इन भागों में दक्षिण और मध्य भागों से आने वाली दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के चलते लू का प्रभाव देखा जा रहा है। तेलंगाना से महाराष्ट्र के विदर्भ सहित दक्षिण और मध्य भारत के अनेक इलाकों में अप्रैल के शुरुआत से ही मौसम भीषण रूप से गर्म है। इन गर्म भागों से आने वाली हवाओं ने उत्तर भारत के मौसम का भी मिजाज़ बदल डाला है। यही वजह है कि दिल्ली सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों में तापमान समय से पहले ऊपर जाते हुए असामान्य स्तर पर बना हुआ है।

हालांकि बीच-बीच में उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत से आने वाली ठंडी हवाओं ने कुछ राहत ज़रूर दी है। लेकिन बीते 2-3 दिनों से मध्य पाकिस्तान और राजस्थान से दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी हवाएँ आ रही हैं और यह इलाके पहसे से ही भीषण गर्म हैं इसलिए हवाओं के साथ गर्मी भी आ रही है। परिणामस्वरूप तापमान एक बार फिर से बढ़ रहा है।

पूर्वी और मध्य भारत में लू

पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा सहित पूर्वी भारत के अन्य भागों में प्री-मॉनसूनी बारिश ना के बराबर हुई है। इसलिए इन राज्यों में अप्रैल की शुरुआत से ही भीषण लू का प्रकोप बना हुआ है। रविवार को तितलागढ़ में 46.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसके साथ यह देश का सबसे गर्म शहर रहा।

ओड़ीशा के अन्य भागों में 17 अप्रैल को रिकॉर्ड किए गए प्रमुख भागों के तापमान का विवरण नीचे सारणी में दिया गया है:

इस समय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, झारखण्ड के कुछ भागों, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना में भीषण लू जारी है। हालांकि राहत की खबर यह है कि देश के पूर्वी भागों पर एक प्रभावी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो रहा है जो मई के पहले हफ्ते में बहुप्रतीक्षित बारिश देगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि रुक-रुक कर होने वाली बारिश से मई में पूर्वी राज्यों में तप रही धरती को कुछ शीतलता मिलेगी। हालांकि अधिकांश समय तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा।

Image Credit: businesstoday

 

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