दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में उत्तरी ग्लेशियर के पास सोमवार को हुए हिमस्खलन में सेना के 4 जवानों समेत 2 नागरिक मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार दोपहर 3:30 बजे 19000 फीट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन ने सेना की कुछ चौकियों को तबाह कर दिया। जिस दौरान हिमस्खलन हुआ, उस दौरान 8 जवानों की पेट्रोलिंग टीम गश्त पर थी।
इन 8 लोगों में से 7 बुरी तरह से घायल थे, जिन्हें हेलिकॉप्टर द्वारा तुरंत ही मेडिकल दल के साथ पास के हॉस्पिटल में भेजा गया। लेकिन 6 लोगों की मौत हो गई। इन 6 लोगों में से 4 सैनिक और 2 कुली थे। हाइपोथर्मिया से जवानों और दो कुलियों ने दम तोड़ दिया। आपको जानकारी दे दूँ कि, हाइपोथर्मिया (अल्पताप) शरीर की वह स्थिति होती है जिसमें तापमान, सामान्य से कम हो जाता है।
Indian Army: All 8 personnel were pulled out of avalanche debris. 7 individuals who were critically injured, accompanied by medical teams were evacuated by helicopters to nearest Military Hospital. 6 casualties; 4 soldiers&2 civilian porters, succumbed to extreme hypothermia. https://t.co/804CNyS720
— ANI (@ANI) November 18, 2019
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,नवंबर के महीने में, पश्चिमी विक्षोभ निचले अक्षांशों में यात्रा करना शुरू कर देता है और पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करता है। इसी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण मध्यम से भारी बर्फबारी होती है और यह ताजा हिमपात कभी-कभी हिमस्खलन का कारण बनता है। सियाचिन में कल इसी तरह की घटना देखी गई थी जिसमें छह लोग मारे गए थे।
इस घटना के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मंगलवार सुबह एक ट्वीट में, राजनाथ सिंह ने कहा, "सियाचिन में हिमस्खलन के कारण सैनिकों और पोर्टर्स के निधन से गहरा दुख हुआ। मैं उनके साहस और राष्ट्र की सेवा को सलाम करता हूं। उनके परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।
Deeply pained by the demise of soldiers and porters due to avalanche in Siachen. I salute their courage and service to the nation. My heartfelt condolences to their families.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 19, 2019
2016 में हुए हिमस्खलन ने ली थी 10 जवानों की जान
बता दें, सियाचिन ग्लेशियर में इन दिनों माइनस 30 डिग्री तापमान है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है। यहां दुश्मन की बजाय मौसम आधारित परिस्थितियों से सैनिकों की ज्यादा जानें जाती है। फरवरी 2016 में हुए हिमस्खलन में 10 जवानों की मौत हो गई थी। इन्हीं जवानों में लांस नायक हनुमंथप्पा भी थे।
इन जवानों की काफी खोजबीन के बाद केवल हनुमंथप्पा को ही ढूंढ़ा जा सका था। हनुमंथप्पा को सियाचिन में हुए भूस्खलन के बाद 25 फिट गहरी बर्फ के नीचे निकाला गया था। उनकी हालत उस समय बहुत खराब थी। जहां से उन्हें आनन-फानन में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन वह उसके बाद गहरे कोमा में चले गए और उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
English Version: Avalanche kills 4 soldiers, 2 civilian porters in Siachen, Defence Minister Rajnath Singh pays condolences
हनुमंथप्पा को बचाने की डॉक्टरों की लाख कोशिशों और देश भर की दुआओं के भी हनुमंथप्पा बच नहीं सके थे।
Image Credit: Voice of America
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।