[Hindi] भारत ने 24 घंटों में लगाए 5 करोड़ पौधे, बना विश्व कीर्तिमान

July 20, 2016 1:44 PM | Skymet Weather Team

भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने हाल ही में एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। राज्य के नागरिकों ने बड़े पैमाने पर पौधरोपण कर लोगों को इस कार्य के लिए प्रेरित किया। देश को व्यापक रूप में हरभरा करने की मुहिम के अंतर्गत भारत में 5 करोड़ पौधे लगाए गए। 11 जुलाई को 24 घंटे के लिए चलाए गए इस अभियान में उत्तर प्रदेश के 8 लाख लोगों ने हिस्सा लिया और उत्तर भारत के राज्यों को हरा-भरा करने के उद्देश्य से पौधरोपण में बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता दिखाई।

एक दिन में यानि 24 घंटों की किसी अवधि में 5 करोड़ पेड़ लगाना एक विश्व रिकॉर्ड है। इससे पहले पाकिस्तान ने 2013 में 8 लाख 47 हज़ार 275 पेड़ 24 घंटों में लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया था जिसे भारत ने तोड़ दिया।

यह मुहिम दिसम्बर 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन में भारत द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता का हिस्सा है। पृथ्वी दिवस 2016 के अवसर पर भारत ने एक सहमति पर हस्ताक्षर कर सहमति जताई थी कि वह अपने 12 प्रतिशत भू-भाग पर वृक्षारोपण करने के लिए 6 बिलियन डॉलर खर्च करेगा। इससे भारत में 2030 तक वन क्षेत्र का दायरा बढ़कर 235 मिलियन एकड़ में पहुँच जाएगा जो देश के कुल भू-भाग का 29 प्रतिशत होगा।

हवा में मौजूद कार्बनडाई ऑक्साइड का प्रभाव पेड़ों से निकलने वाली ऑक्सिजन के चलते कम होता है और वायुमंडल में ग्रीन हाऊस गैसों की मात्रा में कमी आती है। भारत में बीती कुछ सदियों से वन क्षेत्र में व्यापक रूप में कमी आई है। विकास कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों के काटे जाने के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।

अधिकारियों का मानना है कि पेड़ों की संख्या बढ़ने से देश में हवा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। बीते कुछ वर्षों से औद्योगीकरण और अन्य श्रोतों से कार्बनडाई ऑक्साइड के बढ़े उत्सर्जन के चलते देश में हवा की गुणवत्ता के स्तर में व्यापक रूप में गिरावट आई थी। प्रमुख महानगरों विशेषकर दिल्ली की हवा दुनिया में सबसे निम्न गुणवत्ता के स्तर पर पहुँच गई थी। आशा कर सकते हैं कि व्यापक रूप में पेड़ लगाए जाने से देश की हरियाली और वन क्षेत्र तो बढ़ेगा ही साथ ही हवा में प्रदूषण के कण भी कम होंगे और सांस संबंधी मरीजों को कुछ राहत मिलेगी।

Image Credit:UPforest.gov.in

 

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 

OTHER LATEST STORIES