बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भागों पर विकसित हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटों तक खाड़ी के आसपास बना रहेगा और इसी दौरान यह और सशक्त होते हुए गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र भी बन सकता है। हालांकि तटों के अधिक करीब होने के कारण इसके और प्रभावी होने यानी डिप्रेशन या डीप डिप्रेशन बनने की संभावना कम है। इस बीच मॉनसून सिस्टम को एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से भी मदद मिल रही है, जो मध्यम ऊंचाई पर विकसित हुआ है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आसपास के भागों में अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई है। इन भागों में कुछ शहरों भीषण वर्षा भी रिकॉर्ड की गई। बीते 24 घंटों के दौरान तेलंगाना के खम्मम में 207 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा हुई। इसी तरह भद्राचलम में 147 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। आंध्र प्रदेश के नंदीग्राम में 100 मिलीमीटर, विशाखापत्तनम में 86 मिलीमीटर और विजयवाड़ा में 85 मिलीमीटर बारिश हुई है।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में जगदलपुर में 91 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि ओड़ीशा के कोरापुट में 86 और बालासोर में 80 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस सिस्टम के प्रभाव से अब बारिश का दायरा बढ़ रहा है। पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश और इससे सटे विदर्भ क्षेत्र में भी बारिश बढ़ने की संभावना है। यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिसके कारण महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों, उत्तरी कर्नाटक और पश्चिमी मध्य प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा होने की संभावना है।
निम्न दबाव के क्षेत्र की दिशा पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी होने के कारण आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बारिश में अगले 24 घंटों के बाद बारिश में कमी आएगी। हालांकि अच्छी बारिश जारी रहेगी। मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि यह मौसमी सिस्टम मॉनसून की दशा और दिशा को अगले 48 घंटों तक प्रभावित करता रहेगा। राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात में अगले 24 घंटों के बाद बारिश बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश के हिस्सों, दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य भागों में हल्की बारिश देखने को मिलेगी।
Image credit: Nai Dunia
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