पिछले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भीषण बारिश देखने को मिली है जिससे जन-जीवन प्रभावित हुआ है। यही नहीं ऊंचे इलाकों में बर्फबारी भी देखने को मिली है। लाहौल-स्पीति और कुल्लू-मनाली जैसे स्थानों पर सीज़न की पहली बर्फबारी देखने को मिली है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार राज्य में इन दो-तीन दिनों में लगभग 8 से 10 लोग मारे गए हैं। इसे मिलाकर लगभग 120 लोग लापता बताए जा रहे हैं जिसमें आईआईटी रूढ़की के 45 छात्र भी शामिल हैं।
उत्तर भारत में 21 सितंबर से शुरू हुई बारिश में सबसे ज़्यादा प्रभावित हिमाचल प्रदेश हुआ है जहां लगातार 2-3 दिनों की मूसलाधार वर्षा और बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश में कई जगह भूस्खलन हुआ है जिससे रास्ते बंद हो गए हैं और जन-जीवत प्रभावित हुआ है। राज्य में कई नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-चंबा राजमार्ग सहित 350 सड़कों पर आवागमन अवरुद्ध हुआ है। इसके चलते मनाली से कुल्लू का संपर्क कर गया है।
चंबा में प्रशासन ने स्थानीय लोगों से कहा है कि नदियों और जलाशयों से दूर रहे क्योंकि चंबा बाँध से पानी छोड़ा जाना है। इसके अलावा ऊंचे स्थानों पर हुई बर्फबारी का असर भी नदियों में या निचले इलाकों में आएगा क्योंकि अभी सर्दियों का सीज़न शुरू नहीं हुआ है और बर्फ तापमान बढ़ते ही पिघलेगी। इसलिए हमारा सुझाव है कि अगले 48 घंटों तक बेहद सतर्कता बरतने की ज़रूरत है।
राज्य में राहत और बचाव कार्य भी व्यापक रूप में चलाया जा रहा है। वायु सेना की मदद ली जा रही है और सेना को भी ब्यास और सतलुज नदी के किनारे स्थित इलाकों में तैनात कर दिया गया है। सतलुज नदी के पास वाले निचले गांवों में हाई अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वायु सेना ने ब्यास नदी में फँसे कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।
मीडिया खबरों के मुताबिक कांगड़ा ज़िले में पोंग बाँध का पानी खतरे के निशान के करीब पहुँच रहा है जिससे लगभग 49000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है।
Image credit: Sanjeevani Today
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