उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में काफी अच्छी बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई थी। लेकिन फरवरी में उम्मीद और सामान्य से काफी कम बारिश और हिमपात होने के कारण उत्तर भारत के भागों में अचानक मौसम ने रुख बदल लिया और कई जगहों पर तापमान सामान्य से ऊपर पहुँच गया।
जम्मू कश्मीर में फरवरी में जहां आमतौर पर 67 मिमी बारिश होती है वहाँ अब तक मात्र 5.6 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में महज़ 4.8 मिमी बारिश हुई है। जबकि 1 से 17 फरवरी के बीच औसतन 57 मिमी वर्षा होती है।
English Version: Poor rainfall performance in February for Jammu and Kashmir, Himachal so far, temperature settles above normal
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फरवरी में आए पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहे जिसके कारण उत्तर के पहाड़ों पर बारिश और हिमपात में इतनी व्यापक कमी आई। 1 फरवरी के बाद आए पश्चिमी विक्षोभों ने हल्की वर्षा या हिमपात ही दिया है।
तापमान पहुंचे सामान्य से ऊपर
समय से पहले हिमपात में आई कमी के कारण ही उत्तर भारत के पहाड़ों पर तापमान में भारी वृद्धि हुई है। पिछले कुछ दिनों के दौरान कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के कई इलाकों में पारा सामान्य से 6 से 8 डिग्री तक अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है।
श्रीनगर में कल अधिकतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 7 डिग्री ज़्यादा है। पहलगाम में 6 डिग्री अधिक 12.7 डिग्री सेल्सियस, बरोट में 8 डिग्री ऊपर 19.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
क्या है पहाड़ों के लिए पूर्वानुमान
इस समय पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ पहुँचा है। यह सिस्टम कमजोर है लेकिन इसके पीछे एक नया और अपेक्षाकृत सक्रिय सिस्टम उत्तर भारत में आ रहा है। इससे उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 19 से 22 फरवरी के बीच कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा और बर्फबारी देखने को मिल सकती है। एक-दो स्थानों पर मध्यम बर्फबारी की भी संभावना है।
बादल छाने और बारिश होने के चलते 19 फरवरी से अगले कुछ दिनों के दौरान दिन के तापमान में व्यापक कमी आएगी। कुछ स्थानों पर पारा फिर से सामान्य या सामान्य से नीचे पहुँच जाएगा। ज़्यादातर जगहों पर 10 डिग्री के आसपास रहेगा पारा।
दूसरी ओर न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी और यह शून्य से ऊपर रहेगा। यह भी कह सकते हैं कि अब पहाड़ों पर शून्य से नीचे तापमान के जाने की उम्मीद फिलहाल नहीं है।
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