भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी ने आज 15 अप्रैल, 2019 को मॉनसून 2019 का अपना पूर्वानुमान जारी किया। मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत की तुलना में 96% मॉनसून वर्षा की संभावना जताई है। इसमें 5% का एरर मार्जिन भी रखा है। 4 महीनों के मॉनसून सीजन में औसतन 887 मिलीमीटर बारिश होती है।
मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून 2019 में अल-नीनो कमजोर रहेगा और मॉनसून के आखिरी चरण में यह और निष्प्रभावी हो जाएगा। मौसम विभाग ने बताया कि प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान जिसे अल-नीनो या ला नीना की स्थिति के रूप में जाना जाता है, उसके साथ-साथ हिंद महासागर में इंडियन ओषन डायपोल यानि आईओडी, मॉनसून को व्यापक रूप में प्रभावित करते हैं, जिनका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून 2019 में देशभर में पर्याप्त वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा कि सभी क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश की संभावना से खरीफ सीजन की खेती के लिए खासतौर पर किसानों के हित में होगा। मौसम विभाग का यह प्राथमिक मौसम पूर्वानुमान है। मौसम विभाग जून के पहले सप्ताह में अपना संशोधित पूर्वानुमान जारी कर सकता है। वर्ष 2019 में मॉनसून कब आएगा इसके बारे में 15 मई को भारतीय मौसम विभाग अपना अनुमान जारी करेगा।
पृष्ठभूमि
भारतीय मौसम विभाग जून से सितंबर के बीच होने वाली मॉनसून वर्षा का पूर्वानुमान दो चरणों में जारी करता है। पहला पूर्वानुमान अप्रैल में जबकि दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है। मौसम विभाग, मॉनसून पूर्वानुमान जारी करने के लिए स्टैटिसटिकल एंसेंबल कास्टिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है। वर्ष 2012 से भारतीय मौसम विभाग आईएमडी ने डायनेमिकल ग्लोबल क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम यानि सीएफएस का भी इस्तेमाल शुरू किया। जिसे मॉनसून मिशन के अंतर्गत मॉनसून का पूर्वानुमान जारी करने के लिए तैयार किया गया है।
2. दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 में देशभर में बारिश का अनुमान
2a. मॉनसून मिशन के अंतर्गत सीएफएस मॉडल पर आधारित पूर्वानुमान
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 का पूर्वानुमान जारी करने के लिए मार्च 2019 तक वैश्विक वायुमंडलीय और सामुद्रिक स्थितियों का अध्ययन किया गया है। इस मॉडल के अनुसार भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि जून से सितंबर के बीच दीर्घावधि औसत के मुकाबले मॉनसून 2019 में 94% बारिश की संभावना है। इसमें 5% की कमी या अधिकता रह सकती है।
2b. एस ई एफ एस मॉडल पर आधारित मॉनसून 2019 पूर्वानुमान
A. इस मॉडल के अनुसार दीर्घ अवधि औसत के मुकाबले 96% बारिश की संभावना है। (एरर मार्जिन 5% है।)
B. जून से सितंबर के बीच होने वाली देशभर में बारिश को पांच अलग-अलग श्रेणियों में बताया गया है जो नीचे के टेबल में दिया गया है।
यह पूर्वानुमान संकेत देता है कि 2019 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून में सामान्य के आसपास वर्षा होगी हालांकि सामान्य से अधिक या बहुत अधिक वर्षा के संकेत फिलहाल नहीं मिल रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में 2019 के मॉनसून सीजन में समान रूप से बारिश का वितरण रहने की संभावना है जो किसानों के लिए निश्चित रूप से लाभकारी होगी।
3. भूमध्य प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में समुद्र की सतह का तापमान।
इस समय प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के पास समुद्र की सतह का तापमान 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है जो इंगित करता है कि अल-नीनो कमजोर है। मॉनसून मिशन की सीएफएस और अन्य वैश्विक मॉडल से मिल रहे संकेतों के अनुसार इस बात की संभावना है कि मॉनसून सीजन के दौरान कमजोर अल-नीनो रहेगा और मॉनसून के अगले चरण में इसकी क्षमता और कम हो जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि फरवरी और मार्च में अल-नीनो का पूर्वानुमान लगाना काफी जटिल होता है बनिस्पत जून के।
दूसरी ओर हिंद महासागर में इंडियन ओशन डायपोल यानी आईओडी तटस्थ स्थिति में है। लेकिन मौसम पूर्वानुमान का आकलन करने वाले मॉडल के संकेत यह है कि मॉनसून सीजन शुरू होते समय और मॉनसून सीजन के दौरान आईओडी सकारात्मक स्थिति में आ जाएगा। सकारात्मक यानी पॉजिटिव आईओडी जब होता है तब भारत में सामान्य मॉनसून वर्षा होती है।
स्काइमेट का मॉनसून पूर्वानुमान
इससे पहले भारत की अग्रणी मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काईमेट ने 3 अप्रैल को अपना मॉनसून पूर्वानुमान जारी किया था स्काईमेट ने मॉनसून 2019 में 93% वर्षा की संभावना जताई है जो सामान्य नहीं बल्कि कमजोर मॉनसून है किरण मार्जिन 5% का बताया है।
Image credit: Kerala Itimes
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