[Hindi] दिल्ली प्रदूषण में मौसम की भूमिका; बढ़ानी होगी जागरूकता

October 11, 2017 6:45 PM|

Air pollution in Delhiदिल्ली में अक्तूबर से ही घने प्रदूषण की चादर तन जाती है। शीत ऋतु में सर्दी से ज़्यादा चिंता प्रदूषण की होती है। नवंबर, दिसम्बर में हालात और भी बिगड़ते हैं और सबसे अधिक प्रभावित होते हैं बच्चे, वृद्ध और सांस की समस्या का सामना कर रहे लोग। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति मापने के लिए अलग-अलग स्थानों पर निगरानी केंद्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों से प्राप्त होने वाले आंकड़े पिछले 2-3 वर्षों से दिल्ली में बेतहाशा बढ़ रहे प्रदूषण की ओर संकेत करते हैं।

सर्दियों में दिल्ली की हवाओं में क्यों बढ़ जाते हैं जानलेवा प्रदूषण कण? यह सवाल हर किसी के मन में उठ सकता है। इसके अलावा यह प्रश्न भी बनता है कि दिल्ली के अलावा अन्य महानगरों में हालात इतने बदतर क्यूँ नहीं होते। प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए सरकारों सहित अन्य संबद्ध एजेंसियां सर्दी शुरू होने के बाद ही क्यूँ सक्रियता दिखाती हैं? यह भी एक बड़ा सवाल है।

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण:

गौरतलब है कि अक्तूबर से वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जो हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को ऊपर नहीं जाने देती है। यही वजह है कि सर्दियों में जब भी दक्षिण-पूर्वी हवाएँ तेज़ होती हैं तब प्रदूषण का ग्राफ तेज़ी से ऊपर चला जाता है और साँस लेना मुश्किल हो जाता है। दक्षिण-पूर्वी हवाएँ बंगाल की खाड़ी से आती हैं, इनमें नमी अधिक होती है।

इसके अलावादिल्ली-एनसीआर से सटे राज्यों पंजाब और हरियाणा में फसलों का अवशेष जलाया जाना भी दिल्ली में दम घोंटने के प्रमुख कारणों में से एक है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा और पंजाब में धान की फसल की कटाई और मड़ाई के बाद खेतों में बचे उसके अवशेषों यानि पिराली को किसान जलाकर निपटाते हैं। इससे उठने वाला धुआँ उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ दिल्ली पहुंचता है जिससे प्रदूषण की स्थिति और ख़तरनाक हो जाती है।

Crop burning in Punjab and Haryana_NASA
Image Credit: The Indian Express

दिल्ली और एनसीआर में वाहनों की संख्या क्षमता से अधिक है। साथ ही दिल्ली और आसपास के उद्योगों के चलते भी राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता खराब होती है। सर्दियों के मध्य में दिल्ली में वायु प्रदूषण का आलम यह होता है कि दुनिया भर में न्यूज़ हेडलाइंस बनती है।

[yuzo_related]

प्रदूषण को कम करने के लिए हाल ही में सूप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे उम्मीद है कि इस वर्ष दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर वातावरण अपेक्षाकृत स्वच्छ रहेगा। आम लोगों में जागरूकता फैलाने सहित अन्य उपाय करने की भी आवश्यकता है।

Image credit: Zee News

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार:skymetweather.comअवश्य लिखें।

 

 

Similar Articles

thumbnail image
गर्मी का दायरा बढ़ा! ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और रायलसीमा में 40°C के पार तापमान, राहत की उम्मीद

देश में समय से पहले गर्मी असर बढ़ रहा है। ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अभी तापमान से 40°C से ऊपर पहुंच गया है, जिस कारण इन राज्यों में भीषण गर्मी हो रही है। फरवरी 2025, पिछले 125 वर्षों में सबसे गर्म महीना रहा है। कई जगहों पर सामान्य से 6.4°C तक ज्यादा तापमान रिकॉर्ड हुआ है।

posted on:
thumbnail image
दिल्ली में बढ़ेगी गर्मी! शुष्क और तपता रहेगा वीकेंड, बारिश की संभावना हुई कम

दिल्ली में गर्मी बढ़ रही है, पिछले 3 दिनों में तापमान 4°C बढ़ा है। आज अधिकतम 34-35°C, न्यूनतम 17°C तक रह सकता है। मार्च अब तक लगभग शुष्क बना हुआ है, सिर्फ 2mm बारिश दर्ज हुई है। 26-28 मार्च को तापमान 40°C के करीब पहुंचने की संभावना है। वहीं,पश्चिमी विक्षोभ से मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना नहीं है।

posted on:
thumbnail image
[Hindi] सम्पूर्ण भारत का मार्च 21, 2025 का मौसम पूर्वानुमान

अगले 24 घंटे के दौरान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तर छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बिजली चमकने तथा तेज हवाओं की संभावना है।

posted on:
thumbnail image
गर्मी की वापसी, क्या इस बार मार्च में 40°C पहुंचेगा मुंबई का तापमान?

मुंबई में जल्द ही फिर चिपचिपी गर्मी लौटेगी। मार्च के पहले 15 दिन सामान्य से ज्यादा गर्म रहे हैं। 11 मार्च को 39.2°C तापमान रिकॉर्ड हुआ था। जमीन पर समुद्री हवा देरी से पहुंचने पर तापमान बढ़ सकता है। इसके साथ ही मुंबई में 22-23 मार्च के बाद पारा 36°C पार कर सकता है।

posted on: