दक्षिण-पश्चिम मानसून 28 जून को दिल्ली एनसीआर में अपने आने के सामान्य दिन से एक दिन पहले ही पहुंच गया था। मानसून आने से शहर में अच्छी बारिश हुई। 27 जून को सफदरजंग मौसम विभाग में 20 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पालम वेधशाला में 33 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुयी।
बारिश से दिल्लीवासियों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे जो लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे। काबिलेगौर है की दिल्ली में पिछले कई दिनों से शुष्क और गर्म मौसम की स्थिति बनी हुयी थी।
बारिश का सिलसिला शुरू होने से तापमान में गिरावट आयी। जहां 25 जून को तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था वहीं 28 जून को ये 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। 29 जून को पारा फिसलकर 34 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इस प्रकार चार दिनों के भीतर तापक्रम में दस डिग्री की गिरावट देखी गई।
उसके बाद बारिश, राष्ट्रीय राजधानी में कम हो गई और तब से, दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों मसलन नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में रह - रह कर थोड़ी बहुत बारिश हो रही है।
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पिछले दिनों भी, दिल्ली और एनसीआर में दोपहर के दौरान कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी और तूफान का दृश्य देखने को मिला। दिल्ली के पालम में 0.2 मिमी की बहुत हल्की बारिश दर्ज की गई, लेकिन सफदरजंग में बिलकुल भी बारिश नहीं हुई।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक, बारिश में कमी, मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के उत्तर की तरफ परिवर्तित हो गयी है जिसकी वजह से पश्चिम से शुष्क हवा का प्रवाह बढ़ गया है, जो बारिश को दूर करती है, लिहाज़ा मौसम शुष्क होता है।
हालांकि छुटपुट बारिश का दौर अभी भी जारी है, लेकिन तेज वर्षा नहीं हो रही। अलग अलग जगहों पर थोड़ी बहुत बारिश दर्ज की गयी है। जिससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। यही वजह है की मौसम अभी भी गर्म और आर्द्र है, जिसके लोगों को खासी दिक्कत का सामना है।
अभी तक, मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर की तरफ और आगे हिमालय के तराई छेत्रों की तरफ स्थानांतरित हो गई है और इस वजह से शुष्क पश्चिमी हवाओं का प्रसार जारी रहेगा। जिसके चलते, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली और एनसीआर में मौसम शुष्क रहेगा।
हालांकि, अभी वातावरण में जिस तरह नमी का स्तर मौजूद है और तापमान बढ़ रहा है, उससे गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। और थोड़ी देर के लिए किसी खास जगह बारिश हो सकती है। हालांकि 9 और 10 जुलाई के आसपास दिल्ली एनसीआर में अच्छी मानसूनी बारिश हो सकती है।
Image credit: NDTV
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