उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। गतिविधियां कल भी जारी रहीं। बीते 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बौछारें गिरने के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। हिमाचल और कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय स्थानों पर बर्फबारी भी रिकॉर्ड की गई है।
लगातार हो रही वर्षा से इन राज्यों में कई स्थानों पर तापमान में भारी गिरावट आई है। कुछ स्थानों पर पारा सामान्य से 10 डिग्री तक नीचे चला गया है जिससे सुबह और रात में लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान शिमला सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा। इसके अलावा मंडी, सोलन, बनिहाल और अन्य स्थानों पर भी अच्छी बारिश देखने को मिली है। नीचे दिये गए टेबल में पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड की गई बारिश के आंकड़े देख सकते हैं।
ऊपर दिए गए आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक वर्षा हिमाचल प्रदेश में हुई है। जबकि जम्मू कश्मीर में जैसा अनुमान लगाया जा रहा था, बारिश में कमी देखने को मिली है। मौसम में इस अनपेक्षित बदलाव से कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में कई जगहों पर सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है। बद्रीनाथ और केदारनाथ की तीर्थयात्रा में भी व्यवधान पड़ा है। यात्री कई स्थानों पर फँसे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी कुछ स्थानों पर भू-स्खलन की खबरें हैं।
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आज से बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी, जिससे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचने में आसानी होगी। साथ ही अन्य भागों में भी जनजीवन सामान्य हो जाएगा। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा के मुताबिक पर्वतीय राज्यों को बारिश देने वाला पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में निकल रहा है और कल तक आगे बढ़ते हुए कमजोर हो जाएगा। लेकिन इसके प्रभाव से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 24 घंटों तक हल्की वर्षा जारी रह सकती हैं। कश्मीर में एक-दो स्थानों पर मौसमी गतिविधियां संभावित हैं।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 10 से 12 मई के बीच पर्वतीय राज्यों में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि 13 मई से एक नया पश्चिमी विक्षोभ इन राज्यों को प्रभावित करेगा। इसके चलते पहाड़ों पर फिर से 13 मई से वर्षा की गतिविधियां शुरू होंगी और अगले 4-5 दिनों तक जारी रह सकती हैं। यानि पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बारिश में लंबा ब्रेक लगता दिखाई नहीं दे रहा है।
Image credit: Blog Financial Times
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