उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में इस समय मौसम साफ और शुष्क हो गया है। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों के पास पहुँचने वाला है जिसके चलते 3 फरवरी के बाद इन भागों के मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। आगामी 4 और 5 फरवरी को जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पर्वतीय स्थानों पर भारी वर्षा और हिमपात होने की संभावना है।
इस सिस्टम के आगे बढ़ने की स्थिति में 5 और 6 फरवरी को उत्तराखंड में भी कुछ स्थानों पर वर्षा तथा बर्फबारी देखने को मिल सकती है। उसके पश्चात पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा और उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम शुष्क हो जाएगा।
उत्तर भारत के राज्यों में इस वर्ष की सर्दियों में दर्ज की गई बारिश और बर्फबारी की आंकड़ें देखें तो दिसम्बर लगभग सूखा रहा। हालांकि माह के अंत में कुछ वर्षा देखने को मिली। किसी सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के ना आने के चलते उत्तर भारत में दिसम्बर के आखिर तक विशेष बारिश या हिमपात नहीं हुई।
हालांकि नया वर्षा और नए महीने की शुरुआत होते ही उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम में स्थायी बदलाव देखने को मिला और पूरे जनवरी महीने में अंतराल के बाद भारी बारिश और व्यापक बर्फबारी दर्ज की गई जिसके चलते सामान्य जनजीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ। जनवरी में उत्तर भारत की ओर एक के बाद एक आने वाले सशक्त पश्चिमी विक्षोभों के कारण जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में निरंतर मौसम सक्रिय रहा। उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा और यहाँ भी कई जगहों पर व्यापक वर्षा और हिमपात बीते महीने में दर्ज की गई।
भारी बर्फबारी के चलते पहाड़ी राज्यों के श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, मनाली, शिमला और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों की वादियाँ श्वेत चादर में तब्दील हो गईं। इसके अलावा उत्तर भारत में जम्मू स्थित पवित्र तीर्थ स्थल वैष्णो धाम में भी इस दौरान व्यापक बर्फबारी देखने को मिली।
Image credit: Watcher
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