फरवरी में उत्तर भारत के पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी हुई। सिलसिला मार्च में भी जारी है। पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। सोमवार की सुबह 8:30 बजे से मंगलवार की सुबह 8:30 बजे के बीच 24 घंटों के दौरान देहारादून में 14 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
इसी तरह शिमला में 12 मिमी, मनाली में 10 मिमी, धर्मशाला और मंडी में 4 मिमी जबकि बनिहाल में 3 और गुलमर्ग में 2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इन आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में सबसे ज़्यादा बारिश हुई है। हिमाचल और कश्मीर में तुलनात्मक रूप में कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
अब बारिश देने वाला पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है। इसके चलते उत्तर भारत में मौसम बदलने लगा है। अनुमान है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश इलाकों में अगले 24 घंटों तक मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि इस दौरान भी लाहौल स्पीति, बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे ऊंचे स्थानों पर हल्की बर्फबारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
तीनों पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी बंद होने के बाद हिमस्खलन जैसी घटनाएँ होने की आशंका रहती है। इसलिए हमारा सुझाव है कि जिन इलाकों में पिछले दिनों भारी बर्फबारी रिकॉर्ड की गई हो उनमें जाने से बचें ताकि किसी विपरीत मौसम का शिकार ना हों। इसके अलावा बर्फबारी बंद होने के बाद अब ठंडी हवाएँ चलने लगी हैं जिसके कारण श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, डलहौज़ी, शिमला, मसूरी और नैनीताल जैसे कई स्थानों पर शीतलहर चलने के आसार हैं।
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लेकिन एक नया पश्चिमी विक्षोभ कल शाम को फिर से जम्मू कश्मीर के पास पहुंचेगा। इसके चलते 7 और 8 मार्च को फिर से पहाड़ों पर मौसम में बदलाव आएगा। कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी। यानि बसंत ऋतु के मध्य में भी बर्फबारी का नज़ारा लोगों को मिल सकता है। ग्रीष्म ऋतु शुरू होने को है और ऐसे में पहाड़ों पर अब तक बर्फबारी जारी रहना सामान्य मौसम नहीं है।
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