उत्तराखंड में बुधवार को अचानक मॉनसून सक्रिय हो गया। राज्य के कई इलाकों में हुई मूसलाधार वर्षा के चलते सामान्य जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है। देहारादून में आज सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे के बीच मात्र 3 घंटों की अवधि में 105 मिलीमीटर की व्यापक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। देहारादून के अलावा बीते 24 घंटों में नैनीताल में 149.5 मिलीमीटर और मसूरी में 114 मिलीमीटर की भीषण बारिश हुई।
अचानक आई भारी बारिश के चलते उत्तराखंड के कई इलाकों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस भीषण बारिश में 6 लोगों की मौत की खबरें हैं। भीषण वर्षा की गतिविधियों के बाद सरकार ने एहतियात के तौर पर पवित्र केदारनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया है। चमोली और अल्मोड़ा में मूसलधार वर्षा की चपेट में आने से कुछ घरों के गिरने की भी खबरें हैं।
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भीषण बारिश के बाद राज्य में अलकनंदा, सरयू, गोमती, मन्दाकिनी नदियों में जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। गंगा में भी अधिक पानी के कारण बाढ़ का खतरा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
देहारादून-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग और नैनीताल ज़िले की कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में भी खतरा बढ़ गया है क्योंकि गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
आज दिन भर की मूसलाधार वर्षा के बाद स्थिति में सुधार होने की संभावना है। हालांकि अभी भी बादल फटने और बाढ़ की आशंका बनी हुई है। इसके चलते पर्यटकों को सचेत रहने का सुझाव दिया गया है।
कश्मीर पर बने पश्चिमी विक्षोभ और पंजाब से होकर गुज़र रही मॉनसून ट्रफ के चलते राज्य में भारी वर्षा हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ अब कमजोर हो गया है और ट्रफ दक्षिण में आ रही है जिससे उत्तराखंड में अब बारिश की गतिविधियां कम हो गई हैं। हालांकि 13 जुलाई को भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी।
Image Credit: The Indian Express
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