जैसा कि स्काइमेट पहले से ही बता रहा है, उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में वर्षा और हिमपात की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। मौसम पर नज़र रखने वाले अधिकतर मॉडल संकेत कर रहे हैं कि पहाड़ी राज्यों में आने वाले दिनों में गतिविधियां और ज़ोर पकड़ेंगी तथा कुछ स्थानों पर भारी वर्षा व हिमपात देखने को मिलेगा। जम्मू कश्मीर और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान के पास पहुँचा पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के मौसम को प्रभावित करने लगा है। यह सिस्टम काफी प्रभावी है जिससे संभावना है कि यह पहाड़ों पर सामान्य जन-जीवन को प्रभावित कर सकता है।
पर्वतीय राज्यों में घने बादल पहुँच चुके हैं और श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, कुल्लू, मनाली तथा अन्य स्थानों पर पहले से ही हिमपात शुरू हो गया है। बाकी भागों में भी जल्द ही वर्षा और बर्फबारी शुरू होने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल दिखाई दे रहा है। स्काइमेट का अनुमान है कि 25 जनवरी से उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों के अधिकांश इलाके बारिश और बर्फबारी की चपेट में आएंगे तथा कुछ इलाकों में भारी हिमपात देखने को मिलेगा। अगले 48 घंटों के दौरान कुछ इलाकों में भीषण बर्फबारी की आशंका है।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में शुरू हुआ बारिश का यह नया दौर लंबा चलेगा। अनुमान है कि इन राज्यों में मौसमी हलचल अगले 2-3 दिनों तक बनी रह सकती है। भारी बर्फबारी की संभावना के बीच मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय हिमस्खलन के लिए भी अनुकूल है। स्थानीय लोगों को सुझाव है कि मौसम से जुड़े संकट और विपरीत मौसमी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।
जिन भागों में हिमस्खलन की सबसे अधिक आशंका है उनमें जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपुरा, किश्तवाड़, राजौरी, डोडा, पुंछ और रायसी जबकि हिमाचल प्रदेश के चंबा, किन्नौर तथा लाहौल स्पीती शामिल हैं। सैलानियों को सुझाव है कि किसी विषम स्थिति का सामना करने से बेहतर है अपने पर्यटन कार्यक्रम को जल्द विराम दें और अपने-अपने ठिकानों के लिए निकल लें क्योंकि भारी बर्फबारी के बाद इन राज्यों से बाहर जाने वाले मार्गों पर यातायात प्रभावी होगा। भारी हिमपात के बाद अधिकतर रास्तों को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ सकता है।
Image credit: Times of India
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