पहाड़ों पर एक बार फिर से मौसम सक्रिय हो गया है। मौसम पिछले हफ्ते की घटना को दोहरासकता है।संभावना जताई जा रही है कि 14,15 और 16 फरवरी को पहाड़ों पर भारी हिमपात होगा।अगले कुछ दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर बर्फीली चट्टानें खिसकने, हिमस्खलन और भूस्खलन जैसी घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं।
इस सप्ताह गुलमर्ग,काजीगुंड, पहलगाम, कुलगाम, लद्दाख, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, मनाली, कुल्लू, शिमला, मसूरी, नैनीताल, कुफरी जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशंस पर जाने से बचना होगा। तेज़ बारिश और बर्फबारी के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ जाएगी।जवाहर सुरंगसहित कई रास्तों परफिर से बर्फ का अंबार लग सकता है, जिससे अगर लोग पहाड़ों का रुख कराते हैं तो जगह-जगह गाड़ियों का तांता नज़र आएगा और लोग जहाँ-तहाँ फँस सकते हैं।
मौसम के साथ आप भी तालमेल बिठाएँ ताकि आपको सेना और राहत एजेंसियों की राह न देखनी पड़े।साथ ही स्थानीय लोगों को सुझाव है कि अपने लिए जरूरी सामान इकट्ठा कर लें जिससे अगले तीन-चार दिन तक खाने पीने और ज़रूरी दवाइयों आदि की कमी ना हो। राहत एजेंसियों और प्रशासन को भी अपनी कमर कस लेनी होगी किसी अप्रिय स्थिति से निपटने में उन्हें दिक्कत ना आए।
पिछले सप्ताह पहाड़ों पर मौसम ने इस कदर गदर मचाई कि जो जहां था वो वहीं फँसा दिखा।आलम यह था कि फंसे लोगों को निकालने के लिए वायु सेना को जिम्मा संभालना पड़ा। देश की सेनाएँ हर आपात स्थिति की तरह इसमें भी आगे रहीं। आकाशवाणी में प्रसारित खबरों के अनुसार एयर लिफ्ट करके 14 सौ से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया गया।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी भयावह रही होगीऔर इससे आम स्थानीय लोगों ने कैसे मुक़ाबला किया होगा। स्काईमेट ने इसका अनुमान पहले ही जताया था।
Image Credit: Sunpost
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