उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मॉनसून वर्षा लगातार बनी हुई है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अगले 2-3 दिनों तक तेज़ बारिश की उम्मीद है। इससे पहले बृहस्पतिवार की सुबह 8:30 बजे से शुक्रवार की सुबह 8:30 बजे के बीच 24 घंटों की अवधि में मंडी में 56 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा हुई। इसी तरह शिमला में 48,ऊना और देहरादून में 37, टिहरी में 16,मुक्तेश्वर कुमाऊं में 13,बनिहाल में 8 और पंतनगर में मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ और अब कमजोर हो गया है और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र के रूप में जम्मू कश्मीर के पास दिखाई दे रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रदेश एक निम्न दबाव का क्षेत्र भी सक्रिय था साथ ही मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर में आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश पर पहुँच गई थी। मॉनसून सिस्टमों में इस बदलाव के चलते कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही थीं। अनुमान है कि यह मौसमी सिस्टम सक्रिय रहेंगे जिससे अगले 24 से 48 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भारी वर्षा देखने को मिल सकती है।
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बारिश की तीव्रता सबसे ज़्यादा उत्तराखंड में होगी जिससे राज्य के कुछ इलाकों में भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, मुक्तेश्वर, उत्तरकाशी, जोशिमठ, बद्रीनाथ और केदारनाथ सहित कुछ भागों में भीषण बारिश के बीच कुछ स्थानों पर बादल फटने की घटनाएँ हो सकती हैं। यानि अगले 2-3 दिनों के दौरान मौसम परेशान करने वाला बना रहेगा जिससे पर्यटन के दृष्टिकोण से इन राज्यों में जाना सुरक्षित नहीं होगा। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश की तीव्रता अपेक्षाकृत कम होगी। हालांकि हल्की से मध्यम बारिश अगले दो-तीन दिनों के दौरान जारी रहेगी। वैष्णो देवी जाने वाले तीर्थयात्रियों को फिलहाल किसी विषम स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
Image credit: Hindustan Times
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