उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों पर मॉनसून इस समय मेहरबान है और बीते कई दिनों से वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। हाल की अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। साथ ही कई जगहों पर पानी की कमी भी पूरी हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों पहले वर्षा सामान्य से 49 फीसद कम के स्तर पर बनी हुई थी। जबकि 5 जुलाई को इन आंकड़े में व्यापक सुधार आया है और उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा अब मात्र 9 प्रतिशत से पिछड़ रहा है। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब तक सामान्य से 39 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
पंजाब के उत्तर पश्चिमी हिस्सों से पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके अलावा बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी मौसम को प्रभावित कर रहा है। इन मौसमी सिस्टमों के चलते लगातार आर्द्र हवाएँ उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों पर बनी हुई हैं। राज्य के लगभग सभी भागों में घने मॉनसूनी बादलों के बीच अच्छी बारिश इसी वजह से हो रही है।
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सकाइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर प्रदेश के पूर्वी, मध्य और तराई वाले जिलों में अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम इसी तरह से सक्रिय रहने वाला है। पश्चिमी भागों में भी बारिश का मौसम बना रहेगा। आगामी 48 घंटों के पश्चात बारिश की गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आएगी। बीते 24 घंटों के दौरान गोरखपुर में 66 मिलीमीटर, बहराइच में 67, हरदोई में 46 और नजीबाबाद में 47 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
फिलहाल पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़ से लेकर मध्य में कानपुर, बांदा, लखनऊ, बहराइच सहित अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, मथुरा और बुलंदशहर जैसे इलाकों में कुछ स्थानों पर अगले 24 से 48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन भागों में भी 48 घंटों के बाद बारिश में कमी आ सकती है।
उत्तर प्रदेश के अधिकतर भागों में हो रही बारिश के चलते आर्द्रता काफी अधिक बनी हुई है और तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है जिसके चलते मौसम सुहावना बना हुआ है। मॉनसून की इस मेहरबानी से उत्तर प्रदेश में खरीफ फसलों की बुआई खासतौर पर धान की रोपाई के लिए तैयारी को मदद मिली है।
Image credit: Dainik Bhaskar
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