उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पश्चिमी जिलों में मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम और एक-दो जगह भारी वर्षा हुई। राज्य के मध्य और पश्चिमी भागों में अगले 24 घंटों तक भीषण वर्षा जारी रहने की संभावना है। पूर्वी भागों में मॉनसून का प्रभाव कम होगा और बारिश घटेगी।
इस समय उत्तर प्रदेश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके चलते पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी हिस्सों में भारी वर्षा होने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बरेली, मुरादाबाद, बहराइच, मेरठ, मुज़फ्फ़रनगर, बुलंदशहर, सहारनपुर, नजीबाबाद सहित उत्तराखंड से सटे भागों में कई जगहों पर अगले 24 से 48 घंटों तक भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है।
गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र 24 घंटों के पश्चात उत्तरी दिशा में बढ़ेगा और कमजोर होकर निम्न दबाव का रूप ले लेगा। आगरा, मथुरा, एटा सहित दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों तक मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है। उसके पश्चात इन भागों में बारिश में कमी आ जाएगी।
लखनऊ और कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में अगले 24 घंटों के दौरान कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। कल से इन भागों में भी बारिश की गतिविधियों में कमी आ जाएगी। दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही अच्छी बारिश मद्धिम पड़ गई है। इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य हिस्सों में आगामी 24 घंटों तक कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
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बीते 24 घंटों के दौरान प्रमुख वर्षा वाले स्थानों का ज़िक्र करें तो बहराइच में सबसे अधिक 71 मिलीमीटर बारिश हुई। शाहजहाँपुर में 64, गोरखपुर में 57, बरेली में 49, फुरसतगंज में 41 और वाराणसी में 30 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस मॉनसून सीजन में अब तक उत्तर प्रदेश को मॉनसून ने सबसे अधिक निराश किया है। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
1 जून से 21 सितंबर तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 39 प्रतिशत कम 454 मिलीमीटर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 30 फीसदी कम 604 मिलीमीटर वर्षा हुई है। बारिश में कमी का अंतर इतना बड़ा है कि पिछले दो दिनों से हो रही और अगले दो दिनों तक जारी रहने वाली बारिश इसकी भरपाई नहीं कर पाएगी। हालांकि परिपक्व अवस्था में पहुँच चुकी खरीफ फसलों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा तापमान में व्यापक कमी से तेज़ गर्मी से निज़ात मिलेगी।
Image credit: nirapadnews
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