उत्तर भारत के पहाड़ों पर जमकर बारिश हो रही है। जैसी संभावना जताई गई थी पिछले 3 दिनों से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड समेत तमाम इलाकों में बारिश हुई है। बीते 24 घंटों में पहाड़ी राज्यों में मनाली में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा। मनाली में इस दौरान 52 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई। जम्मू कश्मीर के भुंतर में 39 मिलीमीटर, बनिहाल में 38 मिलीमीटर, काजीगुंड में 30 मिलीमीटर बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में भी 19 मिलीमीटर की मध्यम से तेज वर्षा रिकॉर्ड की गई। जबकि जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में 18 मिलीमीटर, जम्मू में 16 मिलीमीटर वर्षा हुई है। हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में 16 मिलीमीटर बारिश हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ 17 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा था जिसके प्रभाव से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा हो रही है।
सामान्य से ज़्यादा हो रही है बारिश
मार्च में भारी बारिश के कई स्पेल के बाद अप्रैल में पहले बार दिखा है जबर्दस्त बारिश का नज़ारा। प्री-मॉनसून सीजन में पहाड़ों पर सामान्य से अधिक बारिश लगातार जारी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में अभी भी बना रहेगा, जिससे अनुमान है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख में अगले 48 घंटों के दौरान कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जाएगी।
उत्तराखंड में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कल यानी 19 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां बनी रहेंगी। 22 अप्रैल से बारिश में कुछ कमी आएगी। लेकिन हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में कुछ स्थानों पर बारिश जारी रहेगी।
अगला स्पेल आयेगा 23 अप्रैल को
वर्तमान मौसमी मॉडल्स संकेत कर रहे हैं कि 23 और 24 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में भारी वर्षा हो सकती है। अब तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार 1 मार्च से लेकर 18 अप्रैल के बीच जम्मू-कश्मीर में सामान्य से 11% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्य में 238.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में 18 फ़ीसदी ज्यादा 176 मिलीमीटर वर्षा हुई है जबकि उत्तराखंड में सामान्य से 69% अधिक 124 मिलीमीटर बारिश देखने को मिली है।
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