मध्य प्रदेश में बारिश का इंतज़ार अब खत्म हो गया है और पिछले 24 घंटों से राज्य के पूर्वी जिलों में मूसलधार बारिश हो रही है। पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी वर्षा की गतिविधियां आने वाले समय में भी जारी रहेंगी। इसके अलावा मध्य और पश्चिमी भागों में भी धीरे-धीरे बारिश का प्रसार बढ़ने की संभावना है।
पूर्वी मध्य प्रदेश तथा इससे सटे उत्तर प्रदेश पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते राज्य में मॉनसून सक्रिय हुआ है और मौसम ने करवट ली है। यह सिस्टम क्रमशः दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा और निरंतर सशक्त होता रहेगा जिससे राज्य के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में आने वाले समय में अच्छी वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। मध्य प्रदेश में 1 जून से अब तक सामान्य से 1 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हालांकि संतुलित वितरण ना होने के चलते कई इलाकों में सूखे जैसे हालत बने हुए हैं और लोगों की कम बारिश की शिकायत है।
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इस बीच मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान रीवा में 154.2 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई। सतना में 136 मिलीमीटर वर्षा हुई। अन्य भागों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई है। खजुराहो में 31.2, सीधी में 26 और उमरिया में 22 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी हल्की से मध्यम वर्षा हुई है। यहाँ खरगौन में 24 मिलीमीटर और खंडवा में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
इस बीच भोपाल और इंदौर सहित मध्य तथा पश्चिमी जिलों में पिछले कुछ दिनों से मौसम मुख्यतः सूखा ही बना रहा। लेकिन अब इन भागों में बारिश की कमी की शिकायत दूर होने वाली है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 दिनों के दौरान भोपाल, उज्जैन, इंदौर, रतलाम, शाजापुर, जबलपुर, बेतुल, खंडवा, खरगौन, धार और होशंगाबाद में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। इन भागों में कुछ स्थानों पर भीषण वर्षा की भी आशंका है। निम्न दबाव का क्षेत्र 48 घंटों के बाद मध्य प्रदेश से आगे बढ़ते हुए गुजरात पर पहुँच जाएगा जिससे मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां एक बार फिर से कम हो जाएंगी।
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