स्काइमेट ने समूचे उत्तर प्रदेश में बारिश का अनुमान जताया था और उसके अनुरूप बीते 24 घंटों में राज्य के कई इलाकों में अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। लखनऊ, हरदोई, वाराणसी, झाँसी और मेरठ में मध्यम से भारी बौछारें दर्ज की गईं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले 2-3 दिनों तक मौसमी परिदृश्य ऐसा ही बना रहेगा। जबकि अब तक मॉनसून का आगाज नहीं हुआ है।
स्काइमेट के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी राज्यों से पूर्वी भारत तक एक ट्रफ बनी हुई है। यह ट्रफ उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार होते हुए बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ था जिससे उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई। ट्रफ, जिन भागों से गुज़र रही है वहाँ आने वाले समय में भी मौसम सक्रिय रहेगा और अगले 2-3 दिनों तक बारिश हो सकती है। फिलहाल ट्रफ जल्द ही तराई क्षेत्रों के करीब जाएगी जिससे दक्षिणी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा कम होने के आसार हैं।
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लखनऊ में मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान 60 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई। हरदोई में 31, वाराणसी में 30 और मेरठ में 13 मिलीमीटर बारिश हुई। कानपुर, गोरखपुर, मथुरा सहित अन्य हिस्सों में भी कहीं-कहीं हल्की वर्षा देखने को मिली। बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और तेज़ गर्मी से बहुप्रतीक्षित राहत मिली है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों में अगले 24 से 48 घंटों तक वर्षा होने के आसार हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं अच्छी बारिश हो सकती है। जबकि दक्षिण और पूर्वी हिस्सों को अगले 2-3 दिनों के दौरान शुष्क मौसम फिर से परेशान कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में मॉनसून पिछड़ रहा है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अब तक आमतौर पर राज्य के मध्य भागों में पहुँच जाता है जबकि बिहार के पूर्वी हिस्सों में पहुंच चुका मॉनसून बीते 2 दिनों से अपनी जगह से आगे नहीं बढ़ा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 26 जून से उत्तर प्रदेश के कई भागों में बारिश की गतिविधियां फिर से बढ़ेंगी उसके बाद ही मॉनसून के आगमन की उम्मीद की जा सकती है।
Image credit: The Financial Express
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