पिछले दो दिनों से, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुयी है। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में अच्छी बारिश हो रही है।
आने वाले दिनों में, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम की मौजूदा स्थिति में किसी बड़ी तब्दीली की उम्मीद नहीं है। उत्तराखंड में अगले 2-3 दिनों तक व्यापक बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। पंतनगर, मसूरी, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में सप्ताहांत के दौरान बारिश की संभावना है।
हरियाणा और आसपास के इलाकों में मौजूद मानसून की अक्षीय रेखा में कंपन और चक्रवाती हवाओं के छेत्र की मौजूदगी की वजह से ये बारिश हुयी है। इस बीच, किसी भी पश्चिमी विछोभ की अनुपस्थिति में, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मौसम ज्यादातर शुष्क रहेगा। हालांकि कुछ स्थानों पर मौसम की स्थानीय गतिविधि देखी जा सकती है।
चूंकि अब अगस्त का महीना ख़त्म होने वाला है, इसलिये मानसून का प्रवाह कमजोर पड़ने लगा है। अब मानसून पश्चिम राजस्थान से वापसी की तैयारी में है और अगले कुछ दिनों में यह उत्तर भारत की पहाड़ियों से भी विदा होना शुरू होगा। इस प्रकार पहाड़ी राज्य, खास तौर से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, वर्षा के लिये पश्चिमी विछोभ पर निर्भर रहेंगे।
अभी तक मानसून 2018 में, सभी तीन राज्यों का वर्षा के मामले में प्रदर्शन बेहतर रहा है और यहां लगभग सामान्य वर्षा हुयी है। जम्मू-कश्मीर में सामान्य औसत से 10% ज्यादा बारिश हुयी है, वहीं उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश में कमी का आंकड़ा क्रमशः 5% और 4% है।
इन बारिशों की वजह से उत्तराखंड में वर्षा की कमी के आंकड़ों में मामूली सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में स्थिति इसके विपरीत हो सकती है क्यूंकि यहां वर्षा की कमी के आंकड़े में मामूली वृद्धि देखी जा सकती है।
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