जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीते दिनों से सामान्य मॉनसून वर्षा हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तरखंड में भारी वर्षा देखने को मिली। जबकि जम्मू कश्मीर के कुछ भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 2-3 दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। इसके चलते इन राज्यों के दक्षिणी भागों में पर्यटन के लिए स्थितियाँ अनुकूल नहीं होंगी।
पिछले 24 घंटों के दौरान धर्मशाला में 118 मिलीमीटर की भीषण बारिश दर्ज की गई। देहारादून में 51 मिमी, ऊना में 38 और शिमला में 16 मिलीमीटर बारिश हुई। जम्मू में भी 12.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। पर्वतीय राज्यों में बारिश मुख्यतः दक्षिणी हिस्सों पर ही केन्द्रित रही और अगले 2-3 दिनों तक इन्हीं हिस्सों में ही अधिक वर्षा के आसार भी हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा बीते कुछ दिनों से तराई क्षेत्रों से दक्षिण में चली गई थी, जो इस समय पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी में बनी हुई है। मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी सिरा जल्द ही तराई क्षेत्रों के करीब पहुंचेगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश तथा इससे सटे उत्तर प्रदेश पर बना चक्रवाती सिस्टम भी धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश पर पहुंचेगा और कुछ समय पश्चात मॉनसून की अक्षीय रेखा में मिल जाएगी। इन मौसमी परिदृश्य के चलते पर्वतीय राज्यों में बारिश और तेज़ हो जाएगी।
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स्काइमेट के प्रमुख मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 13 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। विषेशरूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में धर्मशाला, उना, मंडी, देहारादून, हरिद्वार, नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश हो सकते हैं। इन भागों में भारी वर्षा के चलते भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियाँ पैदा होने की आशंका है। भूस्खलन से कई सड़कों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा है।
इन आशंकाओं के मद्देनज़र पर्यटकों को सुझाव है कि इस सप्ताह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्यटन पर ना जाएँ। अगर आप इन भागों में पहले से ही खूबसूरत प्रकृतिक सौन्दर्य का दीदार कर रहे हैं तो शीघ्र वहाँ से निकलना सुरक्षित होगा। हालांकि शिमला सहित हिमाचल प्रदेश के उत्तरी भागों और कटरा स्थित वैष्णो देवी सहित जम्मू कश्मीर में विशेष बारिश नहीं होगी जिससे इन भागों में पर्यटन या तीर्थ यात्रा पर आप निकल सकते हैं। हालांकि सावधानी बरतना बेहतर होगा।
Image credit: The Tribune
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