मॉनसून इस समय उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों केन्द्रित है जिसके चलते राज्य के कई इलाकों में भीषण वर्षा हो रही है। उत्तराखंड, नेपाल और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते नदियों में पानी अचानक बढ़ गया है जिससे कई नदियां उफ़ान पर हैं। इसके अलावा बारिश अभी भी जारी है। गंगा सहित अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। इस बीच राज्य सरकार ने 40 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
मिर्ज़ापुर, बाराबंकी, गोंडा में बाढ़ का पानी गाँवों में पहुँच गया है। खबरों के मुताबिक मिर्ज़ापुर में लगभग 330 गांवों में पानी भर गया है और 5 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के सिंचाई और जल संसाधन मंत्री धर्मपाल ने कहा है कि मंगलवार से प्रत्येक दिन बाढ़ से संबन्धित एक बुलेटिन जारी किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस नियंत्रण कक्ष और जिलाधिकारी कार्यालयों में नदियों के जलस्तर से संबन्धित अपडेट उपलब्ध रहेगा जिससे किसी विषम स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
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इस बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र और प्रभावी होते हुए निम्न दबाव का रूप ले चुका है। अगले 48 घंटों में यह और सशक्त होते हुए गहरे निम्न दबाव का रूप ले सकता है। इस सिस्टम के प्रभाव से गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, बांदा, बहराइच सहित कई इलाकों में मूसलाधार बारिश जारी रहने की संभावना है।
राज्य के 12 जिलों से होकर गुज़रने वाली यमुना फिलहाल अब तक भले ही किसी ज़िले में खतरे के निशान से ऊपर नहीं पहुंची है लेकिन पानी तेज़ी से बढ़ रहा है। खतरे के निशान से नीचे बह रही केन, बेतवा, सई और गोमती जैसी नदियों में भी जलस्तर बढ़ने की आशंका है। कानपुर, लखनऊ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, झाँसी और एटा सहित दक्षिण-पश्चिमी जिलों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान माध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
इस संभावित बारिश के चलते कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इन आशंकाओं के मद्देनज़र सरकार ने एहतियाती उपाय शुरू कर दिये हैं।
Image credit: Live Mint
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