मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बीते 3 दिनों की भीषण बारिश के चलते बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बीते 3 दिनों के दौरान 652 मिलीमीटर की भारी बारिश के साथ सतना राज्य का सबसे अधिक प्रभावित ज़िला रहा। भारी वर्षा के कारण कई सड़के, राजमार्ग और गाँव जलमग्न हो गए हैं जिसके चलते सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। सेना के जवानों ने पहले से ही राहत का काम शुरू कर दिया है। सतना के अमिलिया गाँव से 300 लोगों को निकाला गया है। राज्य के कई नदियों में जल स्तर व्यापक रूप में बढ़ा है। नर्मदा, बेतवा, जमनी, ढासन और कोपरा जैसी नदियों में पानी काफी तेज़ी से बढ़ा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों तक राज्य में भारी मॉनसूनी बौछारें जारी रहेंगी जिससे प्रभावित जिलों में शनिवार तक राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं है। सतना, विदिशा, छतरपुर, टीकमगढ़, बेतुल, रायसेन, गुना, अशोकनगर, होशंगाबाद और राजगढ़ जैसे स्थानों पर मूसलाधार वर्षा अगले 24 घंटों के दौरान जारी रह सकती है।
मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भागों पर बने गहरे निम्न दबाव के चलते राज्य में मॉनसून का यह उग्र रूप देखने को मिला है। यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी से मिल रही नम हवाओं के चलते लगातार प्रभावी बना रहेगा और मध्य प्रदेश तथा आसपास के भागों में मौसम को प्रभावित करता रहेगा। इसकी वर्तमान क्षमता को देखते हुए हमारा अनुमान है कि मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मूसलधार वर्षा की गतिविधियां अगले कुछ समय तक जारी रहेंगी।
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