उत्तर भारत के पहाड़ों पर निर्धारित समय से लगभग 3-4 दिन पहले 27 जून को मॉनसून ने दस्तक दी। इसके चलते कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी वर्षा हो रही है। अगले कुछ दिनों के दौरान पहाड़ों पर मॉनसून सक्रिय रहेगा और तीनों पर्वतीय राज्यों में भारी बारिश देखने को मिलेगी।
पिछले 24 घंटों के दौरान पर्वतीय राज्यों में हुई बारिश के आंकड़े नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं:
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जम्मू कश्मीर में इस समय घने मॉनसूनी बादल बने हुए हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी आसमान बादलों से ढंका हुआ है। अनुमान है कि अगले कुछ दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। बारिश के प्रभाव से धर्मशाला, कुल्लू-मनाली, मसूरी, नैनीताल, और आसपास के भागों में भूस्खलन का ख़तरा है। कहीं-कहीं बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं।
अगले 24 से 48 घंटों के दौरान तीनों राज्यों में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी। इन भागों में बारिश की गतिविधियों में बीच-बीच में कमी आएगी। लेकिन उत्तराखंड में 2-3 जुलाई तक भीषण वर्षा जारी रह सकती है, जो कुछ इलाकों में तबाही का कारण भी बन सकती है। 2 और 3 जुलाई को केदारनाथ, बद्रीनाथ, जोशीमठ और उत्तरकाशी में भीषण बारिश के साथ अचानक बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। राज्य में भूस्खलन का भी ख़तरा बना हुआ है।
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उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी 2 और 3 जुलाई को बारिश तेज़ होगी। हालांकि बारिश की तीव्रता उत्तराखंड जितनी नहीं होगी। इसलिए हिमाचल में ख़तरा भी अपेक्षाकृत कम रहेगा। मौसम के रुख में तेज़ बदलाव के इस डर के बीच राज्य प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसके अलावा लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी का सामना ना करना पड़े।
स्काइमेट का सुझाव है कि प्रशासन को पर्यटन के लिए अगले कुछ दिनों तक हिल स्टेशनों पर जाने से रोक लगा देनी चाहिए। इसके अलावा पर्यटकों को भी पहाड़ी वादियों पर भ्रमण की अपनी योजना इस टाल देनी चाहिए।
Image credit: KNSKashmir
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