राजस्थान पर इस साल मॉनसून ने अच्छी बारिश दी है। इस समय भी राजस्थान के कई इलाकों पर मॉनसून सक्रिय है और बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की रेखा कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर सहित कई इलाकों पर मॉनसून को सक्रिय रखेगी।
एक तरफ जहां पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के भागों में मॉनसून प्रभावी बना हुआ है और रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश कई स्थानों पर देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी राजस्थान के शहरों में कमजोर मॉनसून के कारण शुष्क मौसम लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है।
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बीते 24 घंटों के दौरान अजमेर में 31 मिलीमीटर की अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई। भीलवाड़ा में 11 मिलीमीटर, माउंट आबू में 5 मिमी और चित्तौड़गढ़ में 4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून रेखा का पश्चिमी सिरा राजस्थान पर बना हुआ है। इसके अलावा गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र पर हवाओं में चक्रवाती क्षेत्र भी सक्रिय है। यही वजह है कि राजस्थान के कुछ इलाकों में मॉनसून की हलचल में कमी नहीं आ रही है।
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इस बीच बंगाल की खाड़ी से उठा एक निम्न दबाव का क्षेत्र राजस्थान के करीब आता हुआ दिखाई दे रहा है। यह सिस्टम इस समय ओडिशा के मध्य भागों पर है और पश्चिमी तथा उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
जब यह निम्न दबाव का क्षेत्र जब पश्चिमी मध्य प्रदेश के पास पहुंचेगा उसके बाद राजस्थान के पूर्वी भागों में कई स्थानों पर बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी। उम्मीद है कि कोटा, सवाई माधोपुर, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, और आसपास के कई इलाकों में हल्की से मध्यम तथा कुछ भागों में भारी वर्षा देखने को मिलेगी। इस बारिश से फसलों को नुकसान नहीं होगा बल्कि ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास और धान सहित कई फसलों को फायदा पहुंचेगा।
लेकिन पश्चिमी राजस्थान पर मॉनसून की चाल में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा, जिसके कारण जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू और गंगानगर सहित आसपास के इलाकों में शुष्क मौसम बरकरार रहेगा। गर्मी परेशान करेगी और बारिश न होने के कारण फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 7 सितंबर के बीच पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 40% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। पश्चिमी राजस्थान में भी सामान्य से 19% अधिक बारिश हुई है।
Image credit: The Indian Express
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