जम्मू कश्मीर में बीते 24 घंटों के दौरान कई जगहों पर हुई भारी बारिश और बर्फबारी के चलते सामान्य जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है। बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन की भी खबरें हैं जिससे राज्य के कई हिस्सों में सड़कें बंद हो गई हैं और आवागमन प्रभावित हुआ है।
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से पश्चिमी हिमालयी राज्यों में मौसम व्यापक रुप से सक्रिय बना हुआ है। इसी के परिणामस्वरुप बीते 3 दिनों से लगातार जम्मू कश्मीर में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। इसमें विगत 24 घंटे के दौरान गतिविधियां बहुत तेज़ हुईं और कश्मीर में कई जगहों पर भारी हिमपात दर्ज किया गया।
श्रीनगर में भी बर्फबारी हुई है, जबकि अप्रैल महीने में श्रीनगर में बर्फबारी आम मौसमी गतिविधि नहीं है। मौसम की इस सक्रियता को देखते हुए राज्य प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों को 10 अप्रैल तक के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं ताकि छात्र घर में सुरक्षित रहे। जम्मू कश्मीर में भारी बर्फबारी के कारण कई जगहों पर चट्टानें और मिट्टी का ढेर सड़कों पर जमा हो गया है जिसके चलते कई रास्ते बंद हो गए हैं।
300 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य के दोनों हिस्सों जम्मू और कश्मीर को आपस में जोड़ता है, भूस्खलन के कारण इस पर भी कई जगह आवागमन अवरुद्ध हुआ है। श्रीनगर में आमतौर पर जनवरी और फ़रवरी महीनों में अच्छी बारिश और कुछ स्थानों पर बर्फबारी होती है लेकिन अप्रैल महीने में बर्फबारी जैसी गतिविधियां देखा जाना बहुत कम होता है।
यह अलग बात है कि कुछ स्थानों पर हल्की बरसात पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव से दर्ज की जाती है लेकिन इस वर्ष मौसम कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है। इससे पिछले महीने मार्च में भी जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में अच्छी बारिश और बर्फबारी देखने को मिली थी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी उस दौरान मौसम सक्रिय रहा।
फिलहाल वर्तमान बारिश के दौर का ज़िक्र करें तो बीते 24 घंटे के दौरान श्रीनगर, मनाली और बारामूला सहित कई जगहों पर भारी बारिश और बर्फबारी हुई है। श्रीनगर में बीते 24 घंटे के दौरान 83 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो अप्रैल महीने में सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड है। इससे पहले 15 अप्रैल को 1997 में राजधानी में 62 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी।
बनिहाल में 90 मिलीमीटर बारिश हुई है जो पिछले एक दशक में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड है। इससे पहले 1994 में 5 अप्रैल को 116 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। स्काइमेट ने उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छी वर्षा और बर्फबारी का अनुमान पहले ही लगाया था, जो 100% सच साबित हुआ है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के पास पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा और अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। उसके पश्चात पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में आगे निकलने लगेगा और कमजोर होगा जिससे बारिश में कमी आएगी।
Image credit: Daily Excelsior
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