उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से भारी बारिश हो रही है जिससे बारिश में कमी के आंकड़ों में सुधार हुआ है और किसानों को राहत मिली है। साथ ही मौसम भी खुशनुमा हो गया है। विशेष बारिश उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में दर्ज की गई है। वाराणसी, गोरखपुर, बहराइच, लखनऊ और बरेली जैसे जिलों में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार वर्षा देखने को मिल रही है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत करता है कि इन भागों में बारिश की गतिविधियां अगले कुछ दिनों तक इसी प्रकार बनी रह सकती हैं।
रविवार की सुबह 8:30 बजे से सोमवार की सुबह 8:30 बजे के बीच गोरखपुर में 158.7 मिलीमीटर की भारी वर्षा हुई। इसके चलते गोरखपुर देश के वर्षा वाले प्रमुख स्थानों में शुमार रहा। गोरखपुर में यह बारिश बीते 7 वर्षों में किसी एक दिन में रिकॉर्ड की गई सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले 2010 में रिकॉर्ड वर्षा हुई थी।
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इलाहाबाद में 84.2 मिमी, बहराइच में 48 मिमी, वाराणसी में 27 और लखनऊ में 17 मिलीमीटर बारिश हुई है। पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बिहार पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में मॉनसून सक्रिय बना हुआ है। इसके अलावा एक ट्रफ पंजाब से उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल के दक्षिण तक बनी हुई है। इस ट्रफ के चलते भी बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त आर्द्रता पूर्वी भारत होते हुए उत्तर प्रदेश तक पहुँच रही है और अच्छी वर्षा हो रही है।
अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में मॉनसूनी बादल छाए रहेंगे और अच्छी वर्षा दर्ज की जाएगी। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान गोरखपुर, बलिया, बहराइच और वाराणसी सहित पूर्वी और तराई जिलों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। बरेली, मुरादाबाद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मध्यम से भारी बारिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा अन्य जिलों की बात करें तो इलाहाबाद, जौनपुर, प्रतापगढ़, अमेठी, बलरामपुर, फ़ैज़ाबाद, बस्ती, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, रायबरेली, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर और सुल्तानपुर तथा आसपास के भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कई जगहों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
Image credit: Hindustan Times
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