[Hindi] त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून आने से पहले बाढ़ की मुसीबत, 29 मई से फिर होगी भारी बारिश

May 27, 2019 3:00 PM | Skymet Weather Team

Updated on May 27 at 02:00 त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून आने से पहले बाढ़ की मुसीबत, 29 मई से फिर होगी भारी बारिश

पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून आने पहले हर बार बारिश बढ़ जाती है। लेकिन साल 2019 में त्रिपुरा में मॉनसून से पहले ही मॉनसून वर्षा के हालात लग रहे हैं। त्रिपुरा और इससे सटे मेघालय में कई दिनों से भारी बारिश हो रही है जिससे त्रिपुरा के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।

शनिवार जूरी और काक्ती नदियों में बाढ़ के कारण उत्तरी त्रिपुरा में उनाकोटी और ढलाई में अचानक पानी भर गया जिससे इन भागों में सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ।

हालांकि पिछले 24 घंटों से बारिश में कमी आई है लेकिन त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश कुछ स्थानों पर अभी भी जारी है। इसके बावजूद कैलाशहर में 20.2 मिमी और अगरतला में 2.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसी दौरान उत्तरी त्रिपुरा के श्री मंगलम में 71 मिमी की भारी बारिश हुई।

हालांकि अब अगले 48 घंटों तक बारिश में कमी रहेगी। लेकिन बांग्लादेश में बीते 24 घंटों के दौरान हुई भारी बारिश के कारण वहाँ से नदियों के जरिये त्रिपुरा में पहुँच रहा पानी अभी भी बाढ़ जैसे हालात का कारण अभी भी बना हुआ। इसके अलावा 29 मई से त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश तेज़ होने की संभावना है, जो अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। इससे त्रिपुरा के लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा।

Published on May 26 at 02:30 PM त्रिपुरा में भारी बारिश से बाढ़, अगले 24 घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना

भारी बारिश के कारण एक बार फिर त्रिपुरा बाढ़ की मार झेल रहा है। यहां बाढ़ के कारण उत्तरी त्रिपुरा, उनाकोटी और धलाई जिलों के सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं। 25 मई को, त्रिपुरा में बाढ़ की वजह से 300 से अधिक परिवारों को बेघर होना पड़ा ।

इन बारिशों का कारण पूर्वोत्तर बिहार में मौजूद चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तथा इस मौसमी प्रणाली से नागालैंड तक फैला हुआ ट्रफ रेखा को माना जा रहा है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम के दक्षिणी भागों में भी देखा गया है। इसके अलावा एक ट्रफ रेखा बिहार के पूर्वी भागों से उत्तरी ओडिशा तक बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के अलावा, पश्चिमी विक्षोभ भी ऊपरी अक्षांशों पर जा रहा है। इन तमाम मौसमी सिस्टमों के कारण पूर्वोत्तर राज्यों में गर्म और उमस भरी हवाओं का प्रकोप जारी है।

इन्हीं मौसमी प्रणालियों के कारण, बांग्लादेश, असम, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड के कुछ हिस्सों में 23 और 24 मई को मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड हुई।

राज्य की जूरी और काकटी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पास आने के बाद बाढ़ आ गई। बता दें कि, त्रिपुरा में भारी बारिश और बाढ़ के कारण उत्तरी त्रिपुरा के जिले उनाकोटी और धलाई में लगभग 100 से ज्यादा घर बर्बाद हो गए है। 1000 से ज्यादा परिवार इससे प्रभावित हुए है।

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राज्य वाणिज्य विभाग ने 9 स्पीड बोट्स और 40 रेस्क्यू बोट्स की मदद से प्रभावित इलाकों के घरों में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू किया है। इनके अलावा त्रिपुरा स्टेट राइफल्स, फायरफाइटर टीम, जिला और राज्य प्रशासन भी राहत और बचावकार्य में जुटा है। इस बचाव कार्य में NDRF की 22 टीमों की सहायता ली जा रही है।

स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन्स सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, उनाकोटी जिले में 358 और उत्तरी त्रिपुरा में 381 लोग बाढ़ के कारण बेघर हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान धलाई जिले में हुआ है, जहां कुल 1039 घरों को नुकसान पहुंचा है। राज्य प्रशासन ने खाना, पानी और दवाइयों का इंतजाम किया है। अभी तक बाढ़ के कारण किसी की जान जाने की खबर नहीं है।

चूँकि, इस समय पश्चिमी विक्षोभ भी ऊपरी अक्षांशों से दूर चला गया है। जिसके कारण पिछले 24 घंटों से बारिश की तीव्रता कम हो गई है। हालांकि, अगले 24 घंटों के दौरान त्रिपुरा और आसपास के क्षेत्रों में बारिश जारी रहने की संभावना है लेकिन, बारिश की तीव्रता कम होगी। जिसके कारण, बाढ़ की स्थिति में सुधार की संभावना है।

Image Credit - Times Now

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