पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के करीब पहुंच गया है और अगले 3-4 दिनों में उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों से होकर गुजरेगा। निचली पहाड़ियों में हल्की बारिश और 12,000' से ऊपर की ऊंचाई वाले मध्य और ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मौसम गतिविधि का प्रसार और तीव्रता जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से घटते क्रम में होगी।
पश्चिमी विक्षोभ को ऊपरी वायु प्रणाली के रूप में अधिक महत्वपूर्ण रूप से चिह्नित किया गया है। इसके राजस्थान और आसपास के इलाकों में पहले से मौजूद चक्रवाती परिसंचरण के साथ जुड़ने की संभावना है। इसका असर पहाड़ी इलाकों में ज्यादा और मैदानी इलाकों में सीमित दिखेगा। श्रीनगर, पटनीटॉप, पहलगाम, गुलमर्ग, मनाली, कुल्लू, धर्मशाला, डलहौजी और शिमला में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र में कुमाऊं क्षेत्र की तुलना में अधिक सक्रियता रहेगी। गतिविधि केंद्रों में पौडी, गढ़वाल, टेहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग शामिल होंगे। इसमें उत्तरकाशी क्षेत्र में सुरंग बचाव अभियान भी शामिल होगा। पिथौरागढ, बागेश्वर, चंपावत और अल्मोडा में हल्की से मध्यम, छिटपुट मौसमी गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
28 नवंबर और 01 दिसंबर को मौसम की गतिविधियां हल्की, व्यापक और तीव्र होंगी। इस बीच, मध्य और ऊंचे इलाकों में मध्यम बारिश/बर्फबारी और निचली पहाड़ियों में छिटपुट बारिश होने की संभावना है। उत्तरी पहाड़ों में 02 दिसंबर से मौसम की स्थिति में सुधार होगा। इस सिस्टम के चलते ठंड बढ़ेगी, जिससे उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी दोनों इलाके प्रभावित होंगे।