उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों में बारिश के लिए मौसम अनुकूल बन गया है। राज्य के पश्चिमी और तराई वाले इलाकों में बारिश बुधवार की सुबह से ही शुरू हो गई है। अब तक रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के मुताबिक आगरा, अलीगढ़,बरेली,लखनऊ, बहराइच सहित कई शहरों में हल्की वर्षा हुई है। धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी और अनेक जगहों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की जाएगी।ओले भी पड़ने की संभावना है।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार शुरुआत राज्य के पश्चिमी और तराई वाले तथा मध्य जिलों से हुई है। धीरे-धीरे बारिश का दायरा पूर्वी उत्तर प्रदेश तक बढ़ेगा। अनुमान है कि 6 और 7 फरवरी को मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, पीलीभीत, रामपुर, सीतापुर, बहराइच, गोंडाऔर बस्ती में बारिश होगी। जबकि 7 और 8 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश कम हो जाएगी और बारिश पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों में बढ़ जाएगी।
अनुमान है कि 7 और 8 फरवरी को प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़,सुल्तानपुर,आजमगढ़, गाजीपुर और आसपास के शहरों में वर्षा दर्ज की जाएगी।6 से 8 फरवरी के बीच राज्य के दक्षिणी भागों में आगरा, कानपुर, चित्रकूट, बांदा, झांसी, सोनभद्र जैसे इलाकों में भी वर्षा होगी लेकिन यहाँ तीव्रता हल्की ही रहेगी। ओलावृष्टि और बारिश के साथ तेज़ हवाओं के कारण गेहूं, सरसों अनेक रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
9 फरवरी से फिर से बन सकते हैं शीतलहर जैसे हालात
बारिश होने के कारण उत्तर प्रदेश के सभी भागों में अगले 2 दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा। जबकि रात का तापमान बढ़ जाएगा।उत्तर प्रदेश के सभी भागों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि से अगले दो-तीन दिनों तक रात और सुबह की सर्दी से राहत मिलेगी लेकिन दिन में मौसम ठंडा रहेगा। उम्मीद है कि 9 तारीख को मौसम साफ होने के बाद पश्चिमी ठंडी हवाएँ शुरू होंगी जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट 9 फरवरी से होगी।विशेष गिरावट रात के तापमान में देखने को मिलेगी। कई स्थानों पर फिर से न्यूनतम तापमान 5-6 डिग्री तक पहुँच जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर में आए पश्चिमी विक्षोभ, राजस्थान पर बने चक्रवाती क्षेत्र और राजस्थान से बंगाल तक बन रही ट्रफ के कारण मौसम उग्र हुआ है और अधिकतर इलाकों में बारिश होने की संभावना दिखाई दे रही है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज़ हवाएँ भी भारी मात्रा में नमी लेकर उत्तर भारत में आ रही हैं जिसके कारण मौसम व्यापक रूप में सक्रिय हो गया है।
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