ओड़ीशा पर निम्न दबाव के क्षेत्र और मॉनसून ट्रफ के कारण मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों में भारी वर्षा हो रही है। इस मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी से उठने वाले अधिकांश मॉनसून सिस्टम मध्य प्रदेश होकर ही गुज़रते रहे हैं जिसके चलते राज्य में पूर्व से लेकर पश्चिम तक के शहरों में थोड़े-थोड़े अंतराल पर अच्छी वर्षा देखने को मिली है।
फिलहाल खाड़ी में उठा मॉनसून सिस्टम ओड़ीशा को पार करते हुए छत्तीसगढ़ के पास पहुंच गया है और गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र से कमजोर होकर अब चक्रवाती सिस्टम के रूप में प्रभावित कर रहा है। इससे मध्य भारत पर मॉनसून करंट प्रभावी बना रहेगा और बारिश का दायरा राज्य के पूर्वी जिलों से धीरे-धीरे मध्य और उत्तर-पश्चिमी भागों तक बढ़ जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में जबलपुर, बालाघाट, मांडला, इटारसी होशंगाबाद, पन्ना, सागर, शिवपुरी, दमोह, सतना, रीवा, छतरपुर, खजुराहो और भोपाल में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान पश्चिमी भागों में बारिश की तीव्रता हल्की से मध्यम रहेगी। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक मध्य प्रदेश में उज्जैन, गुना, ग्वालियर सहित अन्य कई शहरों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
इस मॉनसून सीजन में मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में 1 जून से अब तक कुल 652.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य से महज 2% कम है। पूर्वी मध्य प्रदेश में इसी दौरान सामान्य से 15 फ़ीसदी कम 692.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। वर्तमान में जारी बारिश की गतिविधियों से इन आंकड़ों में सुधार होगा।
हालांकि यह पहले से ही सामान्य के आसपास है। इसके अलावा एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में 1 सितंबर के आसपास विकसित हो सकता है जो पश्चिमी दिशा में बढ़ने की स्थिति में मध्य प्रदेश को फिर से 5 से 7 सितंबर के बीच प्रभावित कर सकता है।
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