जून के अंत में, जम्मू-कश्मीर में मानसून काफी सरगर्म रहा है। कई जगहों पर भारी बारिश, तो कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश दर्ज की गयी। इस वजह से ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत राज्य के कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश हुई।
नैनीताल में रविवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों में 109.5 मिमी बारिश दर्ज की गयी। इसके बाद पंतनगर में 55 मिमी, धर्मशाला में 48.4 मिमी, देहरादून में 32.2 मिमी, अल्मोड़ा में 18.4 मिमी, मुक्तेश्वर में 16.4 मिमी, मनाली में 9.6 मिमी, नाहन में 2.6 मिमी, चंबा में 2 मिमी, सोलन में 1.4 मिमी, शिमला में 1.1 मिमी और मसूरी 8 में मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई।
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इसके अलावा हमारा अनुमान है कि आने वाले दिनों में बारिश में और तेजी आयेगी। स्काईमेट वेदर के अनुसार, मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर दिशा की तरफ परिवर्तित होकर हिमालय के तराई छेत्रों में पहुंच गयी है। इसलिए उम्मीद जाहिर की जाती है की आगामी 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। गौरतलब है की इन राज्यों में एक या दो जगह पर अत्यधिक भारी बारिश भी संभव है।
आगामी 24 घंटों में, उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों यानि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के साथ जम्मू-कश्मीर में भी तेज बारिश होगी।
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पिछले हफ्ते जबर्दस्त बारिश के चलते, जम्मू-कश्मीर में बहुत सी नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया था। ऐसे में, जब और ज्यादा बारिश की संभावना बनी हुयी है, राज्य में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भूस्खलन और सैलाब का खतरा लाहक़ है।
हालांकि, दो दिन की अच्छी बारिश के बाद, बारिश की तीव्रता में कमी आयेगी। लेकिन बारिश का क्रम बरक़रार रहेगा और मौसम पूरी तरह से सूखा नहीं होगा।
Image credit: Indian Express
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