दिल्ली में मॉनसून लगभग पांच-छह दिनों की देरी से पहुंचने के बाद भी अब तक मेहरबान नहीं हुआ है। यानी लगातार होने वाली मॉनसून वर्षा की झड़ी का इंतजार दिल्ली में अब भी बरकरार है। साल 2019 में राष्ट्रीय राजधानी में पहली मॉनसूनी फुहारें 5 जुलाई को दिखीं। उसी दौरान मॉनसून के आगमन की घोषणा हुई।
हालांकि दिल्ली से सटे शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद में पिछले कुछ दिनों के दौरान रुक-रुक कर झमाझम बारिश हुई है। लेकिन दिल्ली में मूसलाधार मॉनसून वर्षा की प्रतीक्षा अभी खत्म हुई नहीं है। कल यानी 9 जुलाई को दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी भागों में छिटपुट जगहों पर हल्की मॉनसूनी बौछारें गिरीं।
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बारिश मुख्यतः उत्तरी और पूर्वी भागों में इसलिए हुई क्योंकि दिल्ली के उत्तर से होकर पंजाब से पूर्वोत्तर भारत तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई थी। यह ट्रफ धीरे-धीरे हिमालयी क्षेत्रों की तरफ जा रही है। यानी दिल्ली से और दूर जा रही है। जिससे 11 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी में मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा।
आकलन है कि आज 10 जुलाई, बुधवार को दिन में आंशिक बादल छाए रहेंगे। पूर्वी हवाएं चलती रहेंगी और 1-2 स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ बूंदाबांदी या हल्की वर्षा देखने को मिलेगी। लेकिन कल से जब मौसम शुष्क हो जाएगा। उसके बाद से 15 जुलाई तक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बारिश की संभावना बहुत कम है।
15 जुलाई से तराई क्षेत्रों में डेरा जमाए ट्रफ रेखा दक्षिणी क्षेत्रों की तरफ बढ़ेगी। दिल्ली के करीब आएगी उस दौरान दिल्ली में बारिश देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि 15 जुलाई के बाद अगले दो-तीन दिनों तक रुक रुक कर राजधानी दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद में बारिश दर्ज की जाएगी। हालांकि उस समय भी अधिकांश स्थानों पर और मूसलाधार बारिश की अपेक्षा फिलहाल नहीं है।
दिल्ली में 1 जून से 9 जुलाई के बीच सामान्य से 87% कम महज़ 13.5 मिमी बारिश हुई है। जबकि इस दौरान समान्यतः 105 मिमी बारिश होनी चाहिए।
Image credit: The Statesman
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