गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के चलते सामान्य जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है। राज्य के मध्य और उत्तरी भागों में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। राज्य में मॉनसून 2017 कहर बनकर बरस रहा है। गुजरात में अब तक 80 से अधिक लोगों की जान चली गई है। 25-30 हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बीते 24 घंटों में बारिश कम हुई है लेकिन मध्यम से भारी वर्षा अभी भी जारी है जिससे राहत और बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही है। अधिकांश नदियां और बांध उफान पर हैं। राज्य के 32 बांधों में पानी ऊपर से बह रहा है। 16 बांधों में जल स्तर 80 से 90 प्रतिशत और 41 बांधों में 70 से 80 प्रतिशत तक पहुँच गया है। यानि अधिकतर बांधों में पानी खतरे के निशान के करीब है।
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मॉनसून 2017 में अब तक 490.4 मिलिमीटर वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो सामान्य से 57 प्रतिशत अधिक है। बाढ़ के पानी में डूबे और क्षतिग्रस्त होने के चलते 4 राष्ट्रीय राजमार्गों और 25-30 राज्य हाइवे पर आवाजाही रोकनी पड़ी है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद श्री मोदी ने 500 करोड़ रूपए तत्काल सहायता देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने बाढ़ में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजनों को दो-दो लाख रूपए तथा गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हज़ार रूपए अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। राहत और बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल की 18 टीमें लगाई गई हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की सेवाएँ ली जा रही हैं। एनडीआरएफ़ की अतिरिक्त टीमों और वायु सेना के बीस से अधिक विमानों को राज्य में खाद्य सहायता तथा बचाव अभियान के लिए तैयार रखा गया है।
गुजरात में भीषण बारिश देने वाला निम्न दाब का क्षेत्र इस समय राजस्थान पर है। यह सिस्टम अगले 24 घंटों तक प्रभावी बना रहेगा जिसके चलते साबरकांठा, इदार, दीसा, मेहसाना और अहमदाबाद सहित उत्तरी गुजरात में अगले 24 घंटों तक मूसलाधार वर्षा होने की संभावना हुई है। 24 घंटों के बाद बारिश कम हो सकती है लेकिन बाढ़ से जल्द राहत के संकेत नहीं हैं।
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