व्यापक मॉनसूनी बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और बिहार में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं जबकि कुछ स्थानों पर नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं। मॉनसून की अक्षीय रेखा के उत्तरवर्ती होने के कारण हिमालय के तराई क्षेत्रों में यह भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय अमृतसर, करनाल, बरेली, गोरखपुर, पटना, मालदा और पूर्वोत्तर में मणिपुर में बनी हुई है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा के उत्तर में बढ़ने के कारण ही उत्तराखंड में भी भीषण बारिश दर्ज की गई। साथ ही उत्तर में बना पश्चिमी विक्षोभ भी मॉनसून को और प्रभावी बना रहा था। यह सिस्टम अब पूर्वी और उत्तरी दिशा में आगे बढ़ते हुए तिब्बत क्षेत्र पर पहुँच गया है, जिससे पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में बारिश की गतिविधियों में व्यापक कमी आ गई है। हालांकि कुछ भागों में अगले 24 घंटों तक मध्यम वर्षा जारी रह सकती है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में बने बाढ़ के हालत हुए के लिए नेपाल में हुई व्यापक वर्षा को भी कुछ हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है। नेपाल में उफनती नदियों जल प्रवाह इन राज्यों को प्रभावित कर रहा है। नेपाल में व्यापक बारिश का नुकसान प्रायः उत्तर और पूर्वी भारत के दोनों राज्यों उत्तर प्रदेश तथा बिहार को भुगतना पड़ता है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीते दो दिनों के दौरान भारी बारिश के कारण15 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग घायल हुए हैं। इन खबरों से ही राज्य में बाढ़ की भयावहता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। अलीगढ़ में एक घर पर गिरे बिजली के तारों से बिजली फैल जाने से 3 लोगों की मौत हुई जबकि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भीषण बारिश के प्रभाव में आने से मकानों के क्षतिग्रस्त होने के कारण 4 लोग मारे गए।
लखीमपुर-खीरी, बहराइच, सीतापुर और देवरिया उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से हैं। इन जिलों में बाढ़ का पानी घरों में पहुँच गया, अनेक स्थानों पर सड़के क्षतिग्रस्त हो गईं और बड़े पैमाने पर खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है।
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