मंगलवार और बुधवार को हुई भीषण बारिश के चलते दार्जीलिंग में भूस्खलन हुआ है, जिसमें 38 लोगों की जानें जा चुकी हैं और 23 लोग लापता हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक इस दुर्घटना के चलते 500 लोगों को अपने घरों को खाली करना पड़ा है। मिरिक और कलिमपोंग सबसे ज़्यादा प्रभावित हुये हैं। अकेले मिरिक में ही 23 लोगों की मौत हुई है जबकि 6 लोग कलिमपोंग में मारे गए हैं।
दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कार्सियोंग उप-संभागों में 25 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं जिससे एनएच-10 और एनएच-55 को भारी क्षति पहुंची है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दार्जिलिंग में अगले 48 घंटों के दौरान और भारी बारिश होने की आशंका है।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में बारिश आमतौर पर मॉनसून ट्रफ के चलते होती है। मॉनसून की यह अक्षीय रेखा जब उत्तर में बढ़ जाती है और इन भागों के पास से गुजरती है तब बारिश की तीव्रता काफी बढ़ जाती है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधियों में कमी बंगाल की खाड़ी में किसी प्रभावी मौसमी हलचल के विकसित होने पर आती है, जो इन भागों में हवा के रूख को बदलकर पश्चिमी से पूर्वी कर देती है।
इस समय मॉनसून ट्रफ इन भागों के बेहद नजदीक से गुज़र रही है। बिहार और इससे सटे भागों के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र भी बना हुआ है जो ट्रफ के साथ मिलकर दार्जिलिंग सहित हिमालय से सटे पश्चिम बंगालके भागों में बारिश दे रहा है।
स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दार्जिलिंग कस्बे में मंगलवार को 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जबकि मिरिक, कार्सियोंग और कलिमपोंग में अच्छी मात्रा में बारिश हुई है। सिक्किम के गंगटोक में इसी दौरान 68 मिमी वर्षा हुई है, मंगन में 59 और गायलसिंह में 57 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
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