गुजरात में साल 2018 में ना सिर्फ मॉनसून का आगमन देरी से हुआ बल्कि मॉनसून सीज़न के शुरुआती महीने जून में बारिश भी सामान्य से काफी कम हुई। हालांकि जुलाई की शुरुआत से ही गुजरात पर मॉनसून मेहरबान हुआ और अब तक इतनी बारिश दी कि जून की कसर भी पूरी हो गई। पिछले कुछ दिनों में गुजरात के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई जिससे बाढ़ से जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है।
आंकड़ों में इस अंतर को समझ सकते हैं कि जून में जहां सौराष्ट्र में 90 प्रतिशत कम और गुजरात क्षेत्र में 75 कम थी बारिश वहीं जुलाई में सामान्य से ऊपर पहुँच गई है। 18 जुलाई तक गुजरात क्षेत्र में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक और सौराष्ट्र क्षेत्र में सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक हो गई है बारिश।
पिछले 24 घंटों में भी गुजरात के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। विशेषकर पश्चिमी हिस्सों में मूसलाधार वर्षा देखने को मिली। बुधवार की सुबह 8:30 बजे से आज सुबह 8:30 बजे के बीच वेरावल में 89.4 मिमी, बड़ौदा में 72.5 मिमी, वलसाड में 43 मिमी, पोरबंदर में 35 मिमी, कांडला में 30 मिमी, महुवा में 21 मिमी, राजकोट में 17 मिमी और द्वारका में 3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
लंबे समय से जारी भीषण बारिश के चलते गुजरात के कई शहर जलमग्न हो गए हैं और बाढ़ का संकट बना हुआ है। लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव आने के संकेत हैं क्योंकि बारिश में कमी आ रही है।
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गुजरात के दक्षिणी भागों पर लगभग स्थायी रूप से डेरा जमाये चक्रवाती सिस्टम के कारण लगातार यह बारिश हो रही थी। बंगाल की खाड़ी से मध्य भारत की ओर पहुँचने वाले सिस्टमों और पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ के सक्रिय होने की स्थिति में यह सिस्टम ज़्यादा प्रभावी हो रहा था और गुजरात पर मूसलाधार बारिश दे रहा था।
चक्रवाती सिस्टम अभी भी बना हुआ है लेकिन पश्चिमी तटों पर ट्रफ इस समय सक्रिय नहीं है और निम्न दबाव का क्षेत्र भी दूर निकल गया है। इसके चलते गुजरात में बारिश में अगले कुछ दिनों के दौरान कमी देखने को मिलेगी। हालांकि पिछले दिनों हुई भारी वर्षा के चलते राज्य के अधिकांश जलाशयों, तालाबों और नदियों में पानी भरा हुआ है जिसे निकलने में वक़्त लगेगा। फिलहाल अगले कुछ दिनों के दौरान राज्य में हल्की वर्षा होगी। मध्यम या भारी बारिश कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित रहेगी।
Image credit: Zeenews
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