धर्मशाला में बीते 24 घंटों के दौरान जितनी बारिश हुई वह एक दशक का रिकॉर्ड है। यानि कि बीते दशक में 24 घंटों की अवधि में इतनी वर्षा नहीं हुई। मौसम केन्द्रों द्वारा दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार धर्मशाला में बीते 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है। सोमवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों में प्रकृतिक सौन्दर्य से भरपूर इस ज़िले में 207.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इससे एक दिन पहले 24 घंटों की अवधि में ही धर्मशाला में 174 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। धर्मशाला में हाल की भारी बारिश के लिए उत्तर के राज्यों पर विकसित हुए कन्वेक्टिव बादलों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
ऐसे बादलों के चलते किसी क्षेत्र विशेष अचानक तेज़ बारिश की घटनाएँ देखने को मिलती हैं। हाल ही में एक के बाद एक जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पास आए पश्चिमी विक्षोभों के चलते मौसम में यह हलचल देखने को मिली। हालांकि बीते दिनों के दौरान धर्मशाला में भीषण बारिश भले ही हुई हो लेकिन राज्य के अन्य जिलों में ऐसी व्यापक वर्षा नहीं हुई। कुल्लू में 12.3 मिलीमीटर, नाहन में 17 मिमी और चंबा में 11 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आ रहा है जो इस समय उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू कश्मीर के पास दिखाई दे रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसके प्रभाव से हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती हैं। यद्यपि यह सिस्टम बहुत प्रभावी नहीं है फिर भी पर्वतीय राज्यों में यह एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा दे सकता है।
पर्वतीय भागों के आसपास विकसित होने वाले क्यूमूलोनिम्बस बादलों की गतिविधि प्रायः बाधित होती है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में ऊपरी सतह पर हवा कमजोर होती है और ऊंची पर्वत शृंखलाएँ भी बादलों का रास्ता रोकती हैं। इसके चलते बादलों में मौजूद पानी एक सीमित दायरे में ही गिरता है जिससे क्षेत्र विशेष में भारी वर्षा दर्ज की जाती है जैसा कि धर्मशाला में हुआ।
कभी कभी ऐसी बारिश को बादल फटने की घटना भी कहा जाता है और इसके कारण अचानक बाढ़ आ जाना और भूस्खलन होने की घटनाएँ होना आम मौसमी परिदृश्य है। हालांकि आपकी जानकारी के लिए यहाँ बता दें कि जब किसी एक स्थान पर एक घंटे में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश होती है तब बादल फटना माना जाता है।
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