देश के अधिकांश इलाकों में गर्मी अब प्रचंड हो गई है। एक ओर मध्य भारत के कई राज्यों में लंबे समय से जहां लू का प्रकोप चल रहा है वहीं उत्तर-पश्चिमी राज्यों में भी लू का शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को दिल्ली में भी तापमान सामान्य से 6 डिग्री ऊपर 46 डिग्री के स्तर पर पहुँच गया जिससे राजधानी में इस सीज़न में पहली बार लू की घोषणा की गई।
उत्तर-पश्चिम भारत में 19-20 मई से मौसम शुष्क है और हवा बदलकर उत्तर-पश्चिमी हो गई है। उत्तर-पश्चिम से आ रही हवाएँ बेहद गर्म और शुष्क हैं जिसके चलते पिछले तीन-चार दिनों में पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में बेतहासा वृद्धि हुई है। इस बदलाव से हरियाणा, राजधानी दिल्ली और राजस्थान के अधिकांश इलाके भी लू की गिरफ्त में आ गए हैं। लोगों का घर से निकालना मुश्किल हो गया है। इन भागों में कम से कम 28 मई तक इस प्रचंड गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं हैं।
दूसरी ओर देश के मध्य और पश्चिमी भागों में मई महीने में बहुत कम बारिश हुई है। विशेषकर दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों और महाराष्ट्र में मई महीने में अधिकांश समय मौसम शुष्क ही रहा है। इसके चलते इन भागों में लंबे समय से तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है और भीषण गर्मी देखने को मिल रही है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले 3-4 दिनों से शुष्क मौसम और यहाँ से होकर मध्य भारत तक पहुँच रही गर्म और शुष्क हवाओं के चलते भी मध्य प्रदेश, विदर्भ, गुजरात और राजस्थान में गर्मी बढ़ गई है।
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विदर्भ में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर हुई प्री-मॉनसून हलचल के कारण तापमान में गिरावट आई थी और लू से राहत मिली थी। लेकिन अब फिर से गतिविधियां गायब हैं जिससे लू की वापसी हो गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और विदर्भ में 28 और 29 मई तक मौसम शुष्क रहेगा जिससे लू का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। उसके पश्चात मौसम बदलेगा और मध्य तथा उत्तर-पश्चिम भारत में प्री-मॉनसून बारिश देखने को मिलेगी जिससे तापमान में कुछ कमी आएगी और गर्मी से राहत मिलेगी।
Image credit: NDTV
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