प्री-मॉनसून सीज़न में लंबे समय के लिए बारिश जैसी मौसमी हलचल ना होने की स्थिति में गर्मी विकराल रूप धरण कर लेती है। इसके अलावा ओज़ोन परत के कमजोर होने और जलवायु में बदलाव के चलते भी दुनिया भर में औसत तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भारत भी अछूता नहीं रह गया है। उत्तर भारत के मैदानी भागों में इन सबका मिला जुला असर पिछले दो दिनों से दिखने लगा है।
पिछले 24 से 48 घंटों में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर के मैदानी राज्यों में तापमान तेज़ी से ऊपर गया है। कई इलाकों में 41-45 डिग्री के स्तर पर पहुँच गए तापमान के चलते लू जैसे हालात पैदा हो गए हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम का यह हाल लगभग एक सप्ताह तक जारी रहेगा।
पिछले 24 घंटों के दौरान चित्तौड़गढ़ में 45.4 डिग्री, बाड़मेर में 44.6 डिग्री, जैसलमर और कोटा में 44 डिग्री, हिसार में 43.4 डिग्री, नारनौल में 43.2 डिग्री, पटियाला में 42 डिग्री, लुधियाना में 41.5 डिग्री, भटिंडा में 41.5 डिग्री, मुजफ्फरनगर में 41.6 डिग्री, मेरठ में 41.2 डिग्री, अलीगढ़ में 42.0 डिग्री और आगरा में 43.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इन सभी स्थानों पर तापमान सामान्य से 1-5 डिग्री तक ऊपर है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि इन भागों में अगले तापमान में वृद्धि का रुझान 4-5 दिनों के दौरान जारी रहेगा जिससे इनमें से कई स्थानों पर पारा 45 डिग्री से भी ऊपर पहुँच सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय मैदानी राज्यों में शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। इन हवाओं के साथ पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी का असर भी आ रहा है।
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प्री-मॉनसून सीज़न में मई और जून के महीनों में पड़ने वाली प्रचंड गर्मी से राहत बारिश के अलावा बादलों से भी मिलती है। साथ ही हवा में नमी बढ़ने से भी तापमान का असर कम होता है। यह अलग बात है कि हवा में नमी अधिक होने से उमस परेशान करती है।
वातावरण में नमी कम होने से धूप की तीक्ष्णता भी निर्बाध रूप से पहुँच रही है जो इस गर्मी के लिए सोने पर सुहागा जैसा काम कर रही है। अगले कुछ दिनों तक मौसमी परिदृश्य नहीं बदलेगा और 28 मई तक पारा सामान्य से ऊपर ही बना रहेगा जिससे भीषण गर्मी जारी रहेगी। कुछ इलाके लू की चपेट में भी आ सकते हैं।
Image credit: Wallstreet Journal
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