पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीते कई दिनों से लू चल रही है। वाराणसी, सुल्तानपुर और इलाहाबाद जैसे शहरों में तापमान काफी अधिक बना हुआ है। अब राज्य के तराई वाले क्षेत्रों को भी लू अपनी चपेट में लेने वाली है। तराई वाले भागों में आमतौर पर लू बहुत कम चलती है। समान्यतः अगर लू जैसी परिस्थितियाँ बनती भी हैं तो एक-दो दिनों की तेज़ गर्मी के बाद गरज के साथ बौछारें गिरने से मौसम पुनः अपनी स्थिति में आ जाता है।
बरेली, गोरखपुर और बहराइच जैसे जिलों में मौसम का मिजाज आमतौर पर कुछ इसी तरह का रहता है। लेकिन इस बार देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों में भी असामान्य गर्मी पड़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं। देहारादून और चंडीगढ़ में भी गर्मी का रौद्र रूप देखा जा रहा है, जिसमें और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों को भी लू अपनी चपेट में लेने लगी है। बहराइच में 27 अप्रैल को तापमान 43 डिग्री पर पहुँच गया था जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक है। इसी तरह बरेली और गोरखपुर में भी सामान्य से 4 डिग्री अधिक क्रमशः 42.5 डिग्री और 42.3 डिग्री दर्ज किया गया।
इससे पहले बहराइच में सबसे अधिक तापमान 20 अप्रैल 2010 को 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो एक रिकॉर्ड है। इसकी तुलना में अगर देखें तो 27 अप्रैल को दर्ज किया गया 43 डिग्री सेल्सियस तापमान दूसरा सबसे अधिक तापमान का रिकॉर्ड है। बरेली में भी बुधवार को दर्ज किया गया तापमान बीते 10 वर्षों में दूसरा सबसे अधिक तापमान रहा।
इन भागों में कम से कम अगले 4 दिनों तक गर्मी से किसी तरह की राहत की उम्मीद नहीं है। हालांकि अगले सप्ताह के मध्य में राज्य में प्री-मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है। प्री-मॉनसूनी गतिविधियों के चलते अगले 5-6 दिनों के बाद तापमान में गिरावट से कुछ राहत मिलेगी।
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