स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था, लू का दायरा सिमट कर कुछ भागों में ही रह गया है। इस समय ओड़ीशा, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश के छिटपुट हिस्सों तक ही लू सीमित है। आने वाले कुछ समय में ही इन भागों से भी लू का प्रभाव कम होने की संभावना है और हम उम्मीद कर सकते हैं कि जल्द ही देश के लगभग सभी भागों में लोगों को लू से राहत मिल जाएगी। हालांकि कई जगहों पर तापमान 40 डिग्री के स्तर को पर करता रहेगा लेकिन इससे लू चलने या भीषण लू चलने की संभावना फिलहाल नहीं है।
उत्तर-पश्चिम भारत में ‘लू’
गुजरात और दक्षिणी राजस्थान में मंगलवार को भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अरब सागर से इन भागों में आ रही मध्यम दक्षिण-पश्चिमी नम हवाओं के चलते पारा गिर रहा है। इससे पहले पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान प्रान्तों से आने वाली उत्तर-पश्चिमी गर्म और शुष्क हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिम भारत के तापमान में बेतहासा वृद्धि हुई थी और दिल्ली तथा राजस्थान सहित उत्तर भारत के अधिकांश इलाके भीषण लू की चपेट में आ गए थे।
अगले 4-5 दिनों तक अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं का प्रवाह निरंतर बना रहेगा जिससे तापमान नियंत्रण में रहेगा और लू का प्रभाव भी नहीं बढ़ेगा। हालांकि राजस्थान के कई हिस्सों में तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच दर्ज किया जाएगा। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी लू से राहत जारी रहेगी। इन भागों में अगले कुछ दिनों के दौरान तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी होगी लेकिन 29 और 30 मई को बारिश का एक नया दौर संभावित है जिससे तापमान फिर से कम हो जाएगा।
मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में लू
इस समय तेलंगाना, ओड़ीशा और तटवर्ती आंध्र प्रदेश के कुछ भागों में दिन का तापमान सामान्य से आधिक चल रहा है जिससे इन भागों में लू का प्रकोप जारी है। 46.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ ओड़ीशा का तितलागढ़ लगातार तीसरे दिन देश का सबसे गर्म इलाका रहा।
हालांकि इन भागों में भी भीषण लू से जल्द राहत मिलने की संभावना दिखाई दे रही है। स्काइमेट के अनुसार 27 या 28 मई से प्री-मॉनसूनी बौछारें शुरू होने की संभावना है। इससे पारा फिर से नियंत्रण में आएगा और लू से राहत मिलेगी। फिलहाल मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओड़ीशा, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में दिन का तापमान 40 डिग्री से ऊपर ही बना रहेगा।
पूर्वी भारत में लू
देश के पूर्वी राज्यों में भी बीते कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते लू से राहत मिली है। आगे भी राहत बने रहने की संभावना है। इससे पहले बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवात रोआनू के चलते बारिश की गतिविधियां देखने को मिली जबकि इस समय कई ट्रफ बनी हुई हैं जिससे पूर्वी भारत में कहीं-कहीं मौसमी हलचल जारी रहेगी और तापमान नियंत्रण में रहेगा।
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