देश के मध्य भागों में लंबे समय से लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई दिनों से हो रही प्री-मॉनसून बारिश अब बंद हो गई है, जिसके कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाके भी अब लू की गिरफ़्त में होंगे।
पिछले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के चंद्रपुर में तापमान 46.8 डिग्री तक पहुंच गया। इसी तरह नागपुर में 46.3 डिग्री, बिलासपुर में 46.2 ब्रम्हपुरी में 45.2 डिग्री, वर्धा में 45.5 डिग्री, झारसुगुड़ा में 45.4 डिग्री और रामागुंडम में 45.2 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया है। अगले चार-पांच दिनों तक तापमान इससे भी ऊपर जा सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों खासकर 26 से 30 मई के बीच उत्तर में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से लेकर मध्य में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों तथा उत्तर प्रदेश में लगभग सभी भागों में उत्तर-पश्चिमी शुष्क और गर्म हवाएँ चलेंगी जिससे इन भागों में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलेगा।
चिलचिलाती धूप और धूल उड़ाती हवा का प्रभाव इन सभी क्षेत्रों में रहेगा। साथ ही चिलचिलाती धूप भी सामान्य जनजीवन को प्रभावित करेगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि, अगले चार-पांच दिनों के दौरान ना तो उत्तर भारत में कोई प्रभावी मौसमी सिस्टम आएगा और ना ही भारत के क्षेत्रों पर कोई सक्रिय मौसमी सिस्टम विकसित होगा। जिसके कारण इस दौरान उत्तर भारत से लेकर मध्य और दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक के कई इलाकों में तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जाएगी।
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हमारा अनुमान है कि अभी राहत उन भागों में भी तापमान बढ़ते हुए 46 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचेगा। सबसे अधिक गर्मी पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और छत्तीसगढ़ के भागों में देखने को मिलेगी। मिर्जापुर, इलाहाबाद, बांदा और आसपास के इलाकों में झुलसाती हुई गर्मी इसलिए पड़ेगी क्योंकि यह वह स्थान है जहां वर्तमान में सूरज की सीधी किरणें पहुंचती हैं। यही वजह है कि इन क्षेत्रों में 28, 29 और 30 मई को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया जा सकता है।
इसके बाद 1 जून से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कुछ राहत मिलेगी और मध्य भागों में भी हवाओं का रुख बदलेगा जिससे भीषण गर्मी में कमी आएगी और लोग राहत की सांस लेंगे।
Image credit: Wallstreet Journal
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