उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी राज्यों में गरज और हवाओं के साथ बारिश जबकि पहाड़ों पर हुई भारी बारिश तथा बर्फबारी के बाद समूचे उत्तर-पश्चिम भारत में पारा गिरा था और भीषण लू से लोगों को राहत मिली थी। इन भागों में रहने वालों के लिए यह सुखद है कि तापमान अभी भी सामान्य के आसपास बना हुआ है जिससे राहत जारी है। लेकिन मौसमी परिदृश्य फिर से बदल बदलने वाला है जिसके चलते इस सप्ताह के बीतते-बीतते राजस्थान का पश्चिमी हिस्सा पुनः भीषण गर्मी और लू की चपेट में आ जाएगा।
पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी के बाद से मैदानी राज्यों में आ रही ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रवाह राजस्थान तक पहुंचा था जिसके चलते भीषण लू समाप्त हो गई थी और लोगों को तेज़ गर्मी से राहत मिली थी। हवाओं का प्रभाव इतना अधिक था कि राजस्थान के कई इलाकों में पारा गिरकर सामान्य से भी नीचे पहुँच गया था। राजस्थान के अधिकांश भागों में तापमान अभी भी सामान्य से कम 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया जा रहा है।
मौसम जल्द ही अपना रुख बदलने वाला है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 14 अप्रैल से राजस्थान में हवाओं का रुख बदलेगा। इस समय चल रही शीतल हवाओं का असर कम हो जाएगा और दक्षिण पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू होंगी, जो पाकिस्तान के मध्य भागों से आएंगी। पाकिस्तान के मध्य क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया जा रहा है। यहाँ की भीषण गर्मी का असर हवाओं के साथ ही 14-15 अप्रैल से राजस्थान के हिस्सों में भी पहुंचने लगेगा।
पश्चिमी राजस्थान के कई इलाके इस सप्ताह के आखिर में फिर से लू की चपेट में आ जाएंगे। गर्म हवाओं का प्रभाव अगले सप्ताह से राज्य के मध्य भागों में भी बढ़ना शुरू होगा और धीरे-धीरे समूचे क्षेत्र लू की चपेट में आ जाएंगे। इससे पहले रविवार को जयपुर में पारा सामान्य से 2 डिग्री कम दिन में 34.2 और सुबह 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर में अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 34.6 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जैसलमर में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 35.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। फिलहाल अनुकूल मौसम का मज़ा ले रहे राजस्थान के लोगों को फिर से भीषण लू के लिए कमर कस लेने की ज़रूरत है।
Image credit: Rajasthan Tourism Department
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